गोरखपुर: पटरी व्यवसाय संघ ने आज पथ विक्रेता (आजीविका का संरक्षण और विनियमन) कानून 2014 को तत्काल प्रभाव से लागू करने की मांग करते हुए अपर नगर आयुक्त को एक ज्ञापन सौंपा। संघ के प्रदेश अध्यक्ष संदीप कुमार मदेशिया ने जोर दिया कि इस कानून के तहत पथ विक्रेताओं को कानूनी संरक्षण मिलना चाहिए और इसका सख्ती से पालन होना चाहिए।
संदीप कुमार मदेशिया ने बताया कि नेशनल हॉकर फेडरेशन ने पथ विक्रेता कानून 2014 को पारित कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उनका संगठन देश के सभी 29 राज्यों में 1550 से अधिक यूनियनों के साथ पथ विक्रेताओं के अधिकारों और आजीविका की रक्षा के लिए काम करता है।
अंतर्राष्ट्रीय पथ विक्रेता दिवस पर उन्होंने चिंता व्यक्त की कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय और संसद द्वारा बनाए गए इस कानून को कमजोर किया जा रहा है। उन्होंने मांग की कि इसे तुरंत लागू किया जाए और कानून का पालन न करने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
गोरखपुर न्यूज़ से बात करते हुए संदीप कुमार मदेशिया ने अपनी मुख्य मांगों को दोहराया। उन्होंने कहा, “स्ट्रीट वेंडरों का सर्वे किया जाए। प्रति 5 साल पर एक बार सर्वे किया जाता है, लेकिन यह अभी तक नहीं हुआ है।” उन्होंने स्ट्रीट वेंडर एक्ट 2014 की धारा तीन का हवाला देते हुए कहा कि इसमें स्पष्ट रूप से लिखा है कि जब तक स्ट्रीट वेंडरों का सर्वे करके और वेंडिंग जोन बनाकर उन्हें व्यवस्थित नहीं किया जाता, तब तक उन्हें हटाया नहीं जा सकता।
मदेशिया ने आरोप लगाया कि इसके बावजूद, “प्रवर्तन दल और पुलिस प्रशासन द्वारा प्रतिदिन इनको (पथ विक्रेताओं को) बुलडोजर लगाकर ठेला तोड़ दिया जा रहा है और सामान जब्त कर लिया जा रहा है।” उन्होंने इस उत्पीड़न के विरोध में आज ज्ञापन सौंपने की बात कही।