बालापार में जीडीए को मिली 19.39 एकड़ जमीन

नया गोरखपुर अपडेट
* बालापार के किसानों ने बीते मंगलवार को कराईं 20 रजिस्ट्रियां
* जीडीए अब तक किसानों को कर चुका है 29+ करोड़ का भुगतान
GDA has acquired 19.39 acres of land in Balapar: 6000 एकड़ में बसाए जाने वाले नया गोरखपुर के लिए बालापार के किसानों ने मंगलवार को 20 रजिस्ट्रियां कराई. बालापार के 94 किसान 93 रजिस्ट्रियों के जरिए अब तक 19.39 एकड़ जमीन जीडीए को दे चुके हैं. जीडीए इन किसानों को अब तक 29 करोड़ से अधिक का भुगतान भी कर चुका है.

नया गोरखपुर परियोजना की प्रस्तावित लागत 3000 करोड़ रुपये है. इसके लिए कुल 25 गांवों में समझौते के आधार पर जमीनें खरीदी जा रही हैं. इन 25 गांवों में बालापार टिकरिया रोड पर 12 गांव और गोरखपुर कुशीनगर रोड पर 13 गांव शामिल हैं. बालापार गांव में कुल 62.175 हेक्टेयर जमीन सर्कल रेट के चार गुना मूल्य पर खरीदी जानी है. इस गांव में सर्कल रेट 85 लाख रुपये प्रति हेक्टेयर है.
प्रथम चरण में पिपराइच रोड के 04 गांव मानीराम, रहमत नगर, सोनबरसा और बालापार की 158.377 हेक्टेयर और कुशीनगर रोड के 03 गांव माड़ापार, कोनी, तकिया मेदनीपुर की 251.819 हेक्टेयर जमीन के लिए अधिकारियों की टीमें गठित हैं. जीडीए वीसी आनंद वर्धन ने स्थानीय मीडिया को बताया कि सहमति पत्र देने वाले किसानों की रजिस्ट्रियां कराई जा रही हैं.
यह भी पढ़ें…
-
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का गोरखपुर दौरा: आयुष विश्वविद्यालय की सौगात और 61 मेडिकल छात्रों को दीक्षा!
-
झोलाछाप ने किया फ्रैक्चर कूल्हे का इलाज, चार इंच छोटा हो गया बच्ची का पैर, मां पहुंची थाने
-
बस थोड़ा और इंतज़ार, 13 जानवरों की रिपोर्ट निगेटिव आते ही खुलेगा चिड़ियाघर
-
मानबेला में तैयार हुआ भव्य कन्वेंशन सेंटर, जल्द होगा लोकार्पण; बुकिंग भी होगी शुरू
-
डीडीयू प्रवेश परीक्षा: जुलाई के पहले सप्ताह से शुरू होंगी, आवेदन व सुधार की अंतिम तिथि 25 जून तक बढ़ी
-
करोड़ों की ठगी! फर्जी ट्रेडिंग कंपनी मालिक 50 लोगों का पैसा लेकर भागा, पुलिस जांच जारी
-
स्कूलों में अब ऑनलाइन हाजिरी लगेगी, जुलाई से लागू होगी नई व्यवस्था
-
गोरखपुर में मकान बनवाने वालों के लिए ज़रूरी खबर, जीडीए ने बढ़ाईं नक्शा पास कराने की दरें
-
दुखद: किडनी की पथरी के इलाज की नहीं थी आस, किशोरी ने खत्म कर ली ज़िंदगी
-
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 1 जुलाई को करेंगी आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण, दौरा कार्यक्रम में बदलाव