गोरखपुर: अर्पित हॉस्पिटल के खिलाफ गंभीर आरोपों के बाद सीएमओ डॉ. आशुतोष दूबे ने कड़ी कार्रवाई की है। शिकायत मिलने पर जांच टीम ने हॉस्पिटल के ओटी, एनआईसीयू और आईसीयू को सील कर दिया और चाबियां गुलरिहा थाने की पुलिस को सौंप दीं। साथ ही, मानकों के विपरीत संचालित हो रहे हॉस्पिटल का पंजीकरण भी रद्द कर दिया गया है। यह मामला तब सामने आया जब देवरिया जनपद के सलेमपुर की लक्ष्मी ने गुलरिहा थाने में शिकायत दर्ज कराई। सीओ गोरखनाथ ने जांच के बाद सीएमओ को रिपोर्ट सौंपी, जिसके बाद जांच टीम ने हॉस्पिटल पर छापा मारा।
जांच में यह भी पता चला कि हॉस्पिटल का संचालक यूट्यूबर्स और कथित पत्रकारों को पैसे देकर खबरें दबा रहा था। कुछ यूट्यूबर्स को महीने में 5,000 रुपये तक दिए जा रहे थे। पुलिस ने इन यूट्यूबर्स से पूछताछ की और उनके बैंक खातों में हॉस्पिटल की ओर से किए गए लेनदेन के सबूत जुटाए। इसके अलावा, हॉस्पिटल का पंजीकरण बिहार के एक डॉक्टर की डिग्री पर हुआ था, जिन्होंने पुलिस को बताया कि उन्हें एक लाख रुपये लेकर डिग्री दी गई थी। हर महीने 40,000 रुपये देने का वादा किया गया था, लेकिन पैसा नहीं मिला।
पुलिस अब इस मामले में और गहन जांच कर रही है और संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रही है। हॉस्पिटल के सील होने और पंजीकरण रद्द होने से यह स्पष्ट है कि प्रशासन अनियमितताओं को बर्दाश्त नहीं करेगा।