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गोरखपुर में ‘रंगे आलू’ पर बड़ी कार्रवाई: दो ट्रक ज़ब्त, मजदूरों को हुई थी खुजली

महेवा फल मंडी गोरखपुर

Last Updated on September 29, 2025 6:07 AM by गो गोरखपुर ब्यूरो

गोरखपुर: शासन के निर्देश पर खाद्य सुरक्षा विभाग ने महेवा मंडी में बिक रहे रंगे लाल आलू की जांच करते हुए बड़ी कार्रवाई की है। रविवार को विभाग की टीम ने कानपुर के बिल्हौर से आए दो ट्रकों से लगभग 200 बोरी रंगा आलू पकड़ा और उसे कब्जे में ले लिया। यह खुलासा हुआ है कि पुराने आलू को आकर्षक और चमकदार बनाने के लिए खतरनाक कॉपर सल्फेट और सिंथेटिक डाई से रंगा जा रहा था। पिछले दिनों महेवा मंडी में इन रंगे आलू की बोरियां उतारने वाले कुछ मजदूरों को खुजली और चकत्ते की शिकायत हुई थी, जिसके बाद इसकी सूचना खाद्य सुरक्षा विभाग तक पहुंची थी। इस खतरनाक केमिकल वाले आलू के नमूने जांच के लिए प्रयोगशाला भेज दिए गए हैं और इस पर लगातार कार्रवाई जारी रहेगी।

रंगे लाल आलू की बिक्री पर कार्रवाई क्यों?

रंगे हुए आलू की बिक्री की ख़बर 23 सितंबर के अंक में ‘अमर उजाला’ में प्रमुखता से प्रकाशित हुई थी, जिसका संज्ञान लेते हुए शासन ने रविवार को कोल्ड स्टोरेज से लेकर मंडी तक इस लाल आलू की जांच के निर्देश दिए थे। यह जानकारी सामने आई थी कि पुराने आलू को आकर्षक और चमकदार बनाने के लिए इसे खतरनाक केमिकल जैसे कॉपर सल्फेट और सिंथेटिक डाई से रंगा जा रहा है ताकि वे ताज़े दिखें और बाजार में अच्छे दामों पर बिक सकें।

मजदूरों को हुई थी खुजली की शिकायत

पिछले सप्ताह महेवा मंडी में जब रंगे आलू की बोरियां उतारी जा रही थीं, तब कुछ मजदूरों के शरीर में खुजली और चकत्ते की शिकायत हुई थी। इलाज के बाद मजदूरों ने काम छोड़ दिया था। सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा, डॉ. सुधीर कुमार सिंह ने भी इस बात की पुष्टि की है कि पिछले दिनों मजदूरों के शरीर पर चकत्ता पड़ने की शिकायत मिली थी। मजदूरों की यह शिकायत भी रंगे आलू की बिक्री की जांच का एक प्रमुख कारण बनी।

महेवा मंडी में दो ट्रक आलू जब्त

रविवार को पूर्वाह्न 11 बजे सहायक आयुक्त खाद्य सुरक्षा डॉ. सुधीर कुमार सिंह की अगुवाई में फूड इंस्पेक्टरों की टीम महेवा मंडी पहुंची। टीम ने वहां खड़े ट्रकों की तलाशी ली और कानपुर के बिल्हौर से आए दो ट्रकों की जांच की। जांच के दौरान आलू के कुछ नमूने निकालकर हाथ से रगड़े गए तो उन पर से केमिकल वाला रंग छूटने लगा। इसके बाद टीम ने दोनों ट्रकों से लगभग 200 बोरी रंगा आलू उतरवाकर ज़ब्त कर लिया और उन्हें सील कर दिया। टीम ने मौके पर ही नमूने लिए और उन्हें आगे की जांच के लिए प्रयोगशाला भेज दिया है।

लिवर को खराब कर सकता है यह रंगा आलू

पूर्व सीएमओ डॉ. आशुतोष दुबे ने बताया कि आलू या किसी भी सब्जी को चमकाने के लिए केमिकल वाले रंग का प्रयोग बेहद खतरनाक है। कॉपर सल्फेट से रंगा आलू खाने पर गैस्ट्रो से संबंधित बीमारियां हो सकती हैं और यह लिवर को भी सीधे तौर पर प्रभावित करेगा। दरअसल, सब्जियों को रंगने पर केमिकल अंदर तक प्रवेश कर जाते हैं, जिससे सब्जी की गुणवत्ता तो प्रभावित होती है, वह विषैला भी हो जाता है।

रंगे आलू से बचाव के लिए रखें यह सावधानी

खाद्य सुरक्षा विभाग ने उपभोक्ताओं को रंगे आलू और अन्य केमिकल वाली सब्जियों से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतने की सलाह दी है:

सावधानियांविवरण
धोने के बाद उपयोगबाजार से खरीदी गई सब्जियों को अच्छी प्रकार से धोने के बाद ही उपयोग में लाएं।
धब्बा हटा देंसब्जी काटते समय अगर उस पर किसी प्रकार का धब्बा दिखाई दे तो उसे हटा दें।
चमक जांचेंसब्जी अगर अधिक चमकीली दिखे तो उसे छूकर देंखें, हो सकता है कि चमक केमिकल की वजह से हो।

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