Last Updated on September 26, 2025 12:20 PM by गो गोरखपुर ब्यूरो
गोरखपुर: ट्यूशन के डर से कक्षा चार का बच्चा घर के ही एक कमरे में छिप गया और सो गया। इससे परिवार, पड़ोसियों और पुलिस को लगा कि उसका अपहरण हो गया है। बुधवार शाम करीब 5 बजे खेलने के लिए घर से निकला 10 साल का लक्ष्य प्रताप सिंह अचानक गायब हो गया, जिससे परिवार में हड़कंप मच गया। आसपास काफी खोजबीन के बाद जब बच्चा नहीं मिला, तो अपहरण की आशंका होने पर दादा सदानंद सिंह ने चिलुआताल थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने भी तेजी से खोजबीन शुरू की। आखिरकार पुलिस के मशहूर खोजी कुत्ता ‘टोनी’ ने कुछ ही देर में बच्चे को घर के ही एक बंद कमरे से खोज निकाला, जहां वह गहरी नींद में खर्राटे ले रहा था। लक्ष्य ने बताया कि वह ट्यूशन पढ़ने और होमवर्क पूरा न होने के डर से छिपा था।
अपहरण के शक में पुलिस ने शुरू की थी तलाश
बच्चा देर तक घर नहीं लौटा तो परिवार को चिंता हुई। आसपास तलाशने पर भी जब कुछ पता नहीं चला तो परिजनों को अपहरण का शक हुआ और उन्होंने पुलिस को इसकी सूचना दी। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल खोजबीन शुरू की। आस-पास के सभी थानों में बच्चे के लापता होने की सूचना प्रसारित कर दी गई। पुलिस ने रेलवे स्टेशनों और बस अड्डों पर बच्चे की तलाशी शुरू की और उसकी तस्वीर को व्हाट्सएप ग्रुप्स में भी वायरल किया गया।
खोजी कुत्ता ‘टोनी’ ने सुलझाया नाटकीय ड्रामा
काफी तलाश के बाद जब बच्चे का कोई सुराग नहीं मिला, तो एसपी (नॉर्थ) जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने पुलिस के खोजी कुत्ता ‘टोनी’ को मैदान में उतारने का फैसला किया। सात साल का डॉबरमैन नस्ल का यह तूफानी टोनी बच्चे की कमीज सूंघते ही तुरंत एक्शन में आ गया। वह तेजी से भागते हुए घर की ऊपरी मंजिल की ओर गया और एक बंद कमरे पर जाकर जोर-जोर से भौंकने लगा। पुलिस ने जब कमरा खोला तो हैरान रह गई। लक्ष्य एक कोने में गहरी नींद में सो रहा था।
ट्यूशन और होमवर्क के डर से छिपा था बच्चा
लक्ष्य प्रताप सिंह को नींद से जगाने पर उसने कबूल किया कि वह ट्यूशन से बचने के लिए छिपा था। उसने स्पष्ट किया कि उसका होमवर्क पूरा नहीं हुआ था और वह उम्मीद कर रहा था कि जब तक उसके शिक्षक चले नहीं जाते, तब तक वह कमरे में ही रहेगा। हालाँकि, इस दौरान उसे नींद आ गई।
एसपी (नॉर्थ) जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि अपहरण की आशंका के कारण कई पुलिस टीमें लक्ष्य की तलाश में जुटी थीं। पुलिस ने बड़े पैमाने पर खोज अभियान चलाया, जिसमें विभिन्न संसाधनों और कर्मियों को शामिल किया गया। यह घटनाक्रम पुलिस के लिए चिंता का विषय बन गया था, जिसके कारण कई टीमें दिन-रात काम कर रही थीं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह सारा ड्रामा ट्यूशन के डर की वजह से हुआ, जिससे अनावश्यक घबराहट और संसाधनों की बर्बादी हुई।
श्वान दस्ते के प्रभारी धनेश्वर चौहान ने ‘टोनी’ नामक खोजी कुत्ते की सूझबूझ की सराहना की। उन्होंने कहा कि टोनी की त्वरित कार्रवाई और सटीक पहचान ने समय बचाया और इस नाटकीय घटना का सुखद अंत किया। टोनी की भूमिका ने पुलिस टीमों के काम को आसान बनाया और लक्ष्य को सुरक्षित ढूंढने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।