Last Updated on September 24, 2025 10:03 AM by गो गोरखपुर ब्यूरो
गोरखपुर में हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम में हो रही धोखाधड़ी का बड़ा खुलासा हुआ है। तीन और बीमा कंपनियों ने शिकायत दर्ज कराई है, जिससे इस संगठित गिरोह की परतें खुल रही हैं। जानें कैसे शहर के कई अस्पताल इस फर्जीवाड़े में शामिल हैं और पुलिस की जांच कहां तक पहुंची है।
गोरखपुर: हेल्थ इंश्योरेंस क्लेम में हो रहे फर्जीवाड़े का पर्दाफाश होने के बाद अब मामले में तीन और बीमा कंपनियों ने पुलिस से शिकायत की है। इन कंपनियों ने फर्जीवाड़े में शामिल संदिग्ध मरीजों और दस्तावेजों को मेल के जरिए विवेचक को भेजा है। पुलिस ने एक-एक मरीज की जानकारी जुटाना शुरू कर दिया है ताकि यह पता चल सके कि किन अस्पतालों के जरिए फर्जी क्लेम तैयार कर रकम निकाली गई है। शुरुआती जांच में गोरखपुर शहर के कई अस्पतालों की भूमिका संदिग्ध पाई गई है, जिनमें उमंग और पुष्पांजलि अस्पताल भी शामिल हैं।
फर्जीवाड़े में कई अस्पतालों की संलिप्तता
जांच के दौरान पुलिस को पता चला है कि यह धोखाधड़ी किसी एक अस्पताल तक सीमित नहीं थी, बल्कि एक बड़ा संगठित गिरोह इसके पीछे सक्रिय है। पुलिस ने डिसेंट हॉस्पिटल के मैनेजर के कंप्यूटर से चौंकाने वाले दस्तावेज बरामद किए हैं, जिसमें कई अन्य नर्सिंग होमों के नाम और मरीजों के फर्जी मेडिकल रिकॉर्ड मिले हैं। पुलिस का कहना है कि कंप्यूटर से जानबूझकर डेटा डिलीट किया गया था, लेकिन साइबर सेल की तकनीकी टीम ने कई अहम फाइलें रिकवर कर ली हैं। इन दस्तावेजों ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि यह एक बड़ा नेटवर्क है। पुलिस ने अब तक डिसेंट हॉस्पिटल के संचालकों समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि फरार संचालकों की तलाश में दबिश दी जा रही है।
गोरखपुर: दीपक गुप्ता हत्याकांड में अब तक 50+ पुलिसकर्मियों पर गाज, कई और पर कार्रवाई की तैयारी
गोरखपुर के अलावा अन्य जिलों तक फैला जाल
पुलिस की शुरुआती जांच से यह भी संकेत मिला है कि फर्जीवाड़े का यह नेटवर्क सिर्फ गोरखपुर तक ही सीमित नहीं है, बल्कि देवरिया और बस्ती जिले के कुछ नर्सिंग होम भी इस नेटवर्क से जुड़े हो सकते हैं। इस मामले में उमंग और पुष्पांजलि अस्पतालों के संचालक भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं और उनकी तलाश जारी है। पुलिस इस पूरे नेटवर्क की जड़ तक पहुंचने की कोशिश कर रही है ताकि सभी दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जा सके।
इस तरह हुआ था मामले का खुलासा
इस पूरे मामले का पर्दाफाश बजाज आलियांज फाइनेंस कंपनी की शिकायत पर हुआ था। कंपनी ने पुलिस को बताया था कि दिल्ली निवासी सत्यदीप के नाम पर गोरखपुर के एक अस्पताल से फर्जी तरीके से 1.80 लाख रुपये का क्लेम निकाला गया था। जब कंपनी ने सत्यदीप से संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि वह कभी किसी अस्पताल में भर्ती ही नहीं हुए थे। इसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की और यह बड़ा नेटवर्क सामने आया।
एक नजर
- शिकायतकर्ता: 3 और बीमा कंपनियों ने शिकायत की।
- फर्जी क्लेम राशि: एक मामले में ₹1.80 लाख का फर्जी क्लेम निकाला गया।
- संदिग्ध अस्पताल: उमंग और पुष्पांजलि अस्पताल।
- बरामदगी: डिसेंट हॉस्पिटल के मैनेजर के कंप्यूटर से फर्जी मेडिकल रिकॉर्ड मिले।
- जांच का दायरा: गोरखपुर, देवरिया और बस्ती जिले के नर्सिंग होम तक जांच।