गाजियाबाद: किसान से रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया लेखपाल, निलंबित

गाजियाबाद: मोदीनगर तहसील मुख्यालय पर भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई है। एक किसान से एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़े गए लेखपाल सरित कुमार को उपजिलाधिकारी ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। लेखपाल सरित कुमार और उसके निजी सहायक कपिल कुमार को दो दिन पहले एंटी करप्शन टीम ने जाल बिछाकर गिरफ्तार किया था।
दाखिल-खारिज के नाम पर मांगी थी मोटी रकम
यह मामला भोजपुर के त्यौड़ी गाँव निवासी परवेज से जुड़ा है, जो वर्तमान में मेरठ के लिसाड़ी गेट स्थित ताला फैक्टरी कॉलोनी में रहते हैं। परवेज के भाई जुनैद ने फरवरी 2024 में गाँव में करीब चार बीघा जमीन खरीदी थी। आरोप है कि बैनामे के बाद हल्का लेखपाल सरित कुमार दाखिल-खारिज (म्यूटेशन) के नाम पर उनसे पाँच लाख रुपये की मोटी रकम की मांग कर रहा था।
जब परवेज ने रिश्वत की रकम नहीं दी, तो आरोप है कि सरित कुमार ने दाखिल-खारिज की प्रक्रिया में आपत्ति लगा दी। इसके बाद परवेज ने भ्रष्टाचार निवारण संगठन, मेरठ इकाई (एंटी करप्शन) से शिकायत की।
एंटी करप्शन टीम ने ऐसे दबोचा
भ्रष्टाचार निवारण संगठन, मेरठ इकाई की टीम ने इस मामले में पूरी योजना बनाई। बृहस्पतिवार को टीम ने जाल बिछाकर लेखपाल सरित कुमार और उसके निजी सहायक कपिल कुमार को एक लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ पकड़ लिया। मोदीनगर पुलिस ने तुरंत इस मामले में रिपोर्ट दर्ज कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
लेखपाल के पकड़े जाने के बाद तहसील प्रशासन पर भ्रष्टाचार का दाग लगा है। उपजिलाधिकारी मोदीनगर, निखिल चक्रवर्ती ने इस मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए बताया कि लेखपाल सरित कुमार को निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू कर दी गई है। यह कार्रवाई प्रशासन की भ्रष्टाचार के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस नीति को दर्शाती है।