गोरखपुर: दाल के कारोबारी को भला सोने की क्या पहचान? दाल और सोने के रंग भले ही कुछ मिलते जुलते से हों लेकिन हकीकत तो यह है कि दाल का कारोबारी असली और नकली सोने में अंतर नहीं कर पाया और बेचारा ठगी का शिकार हो गया. पीड़ित सिद्धार्थनगर के डुमरियागंज का रहने वाला है. असली सोने के नाम पर छह लाख की ठगी करने वाले शातिर को अब पुलिस तलाश रही है.
सिद्धार्थनगर जिले के डुमरियागंज निवासी दाल कारोबारी घनश्याम प्रसाद इटवा बाजार में दाल की दुकान हैं. पिछले दिनों उनके पास एक व्यक्ति आया और उसने सोने का दाना बेचने की बात कही. अपनी बातों में उलझाकर उसने घनश्याम को विश्वास में ले लिया. उसने उन्हें सोने का दाना दिखाया. दाल कारोबारी के अनुसार वह सोना असली था, लिहाजा बात 6 लाख में पक्की हो गई. घनश्याम के अनुसार, रविवार को वह व्यक्ति दोबारा उनके पास पहुंचा और घनश्याम को गोरखपुर शहर के कैंट इलाके में सौदा देने की बात कही. तय समय पर घनश्याम गोरखपुर पहुंच गए और कैंट इलाके में उस जालसाज से मुलाकात हुई. घनश्याम के अनुसार जालसाज ने उन्हें एक पैकेट में सोना थमाया. घनश्याम को भरोसा था कि सोना असली होगा. उन्होंने एक नजर देखा तो वह असली लगा. उन्होंने जालसाज को छह लाख रुपये दे दिए. पैसे लेकर वह फरार हो गया. घनश्याम को बाद में संदेह होने लगा तो उन्होंने सोने की जांच कराई. जांच में पता चला कि सोना असली नहीं था.