कुशीनगर: एक शादी समारोह में डीजे बजाने को लेकर हुए विवाद ने कुशीनगर के एक गांव में खुशियों को पल भर में मातम में बदल दिया। हाटा कोतवाली के पैकौली लाला टोला गांव में बुधवार रात एक बेटी के हाथ पीले करने के सपने देख रहा परिवार उस समय गहरे सदमे में डूब गया, जब डीजे बंद कराने गए उनके बेटे की चाकू मारकर हत्या कर दी गई। इतना ही नहीं, बीच-बचाव करने आए तीन अन्य भाई भी गंभीर रूप से घायल हो गए। इस हृदयविदारक घटना के बाद बारात बिना दुल्हन के ही वापस लौट गई।
डीजे बंद कराने पर नाराज हो गया दूल्हे का चचेरा भाई
बुधवार को लाल मोहन पासवान की बेटी की शादी थी और देवरिया के रुद्रपुर क्षेत्र के जोगिया गांव से बारात आई थी। सब कुछ ठीक चल रहा था, द्वार पूजा और जयमाल की रस्में भी हो चुकी थीं, बस फेरों की तैयारी बाकी थी। लेकिन मंडप के पास बज रहे डीजे की तेज आवाज ने सारी खुशियों पर पानी फेर दिया। शोर ज्यादा होने के कारण लोगों ने डीजे बंद करने को कहा। जब दुल्हन का भाई 24 वर्षीय अजय डीजे बंद कराने गया, तो दूल्हे के चचेरे भाई अभिषेक पासवान को यह बात नागवार गुजरी। गुस्से में आकर उसने चाकू निकाला और अजय की गर्दन पर वार कर दिया। अजय की मौके पर ही मौत हो गई।
जान बचाकर भागे घराती और बराती
अजय को बचाने के लिए उसके छोटे भाई 18 वर्षीय सत्यम, रुद्रपुर के भैंसहा गांव निवासी उसका मौसेरा भाई 32 वर्षीय रामा पासवान और बैतालपुर का 21 वर्षीय पिंटू पासवान आगे आए। लेकिन अभिषेक के गुस्से के आगे उनकी एक न चली। उसने इन तीनों पर भी चाकू से हमला कर दिया, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना से शादी समारोह में चीख-पुकार मच गई और अफरा-तफरी का माहौल बन गया। घराती और बाराती दोनों जान बचाकर भागने लगे।
दूल्हे सहित आठ लोग पुलिस हिरासत में
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और दूल्हे के साथ उसके मामा समेत आठ लोगों को हिरासत में ले लिया। दुल्हन के पिता लाल मोहन पासवान की तहरीर पर पुलिस ने अभिषेक पासवान, उसके भाई अनिकेत पासवान और कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। घायल युवकों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां दुल्हन के मौसेरे भाई रामा पासवान की हालत गंभीर बनी हुई है। पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है और आरोपियों से पूछताछ कर रही है।
बिन दुल्हन के लौटी बारात
इस खूनी संघर्ष के बाद शादी की सारी रस्में धरी रह गईं। जिस घर में कुछ देर पहले तक शहनाइयां गूंज रही थीं, वहां अब मातम पसरा था। बिना दुल्हन के ही बारात वापस लौट गई और एक परिवार की खुशियां पल भर में बर्बाद हो गईं।