Last Updated on September 1, 2025 7:38 PM by गो गोरखपुर ब्यूरो
दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (DDU) में 2 सितंबर से ऑनलाइन राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) ओरिएंटेशन एवं सेंसिटाइजेशन कार्यक्रम शुरू हो रहा है. 9 दिवसीय इस कार्यक्रम में 5 दर्जन से अधिक शिक्षक और शोधार्थी शामिल हैं, जिन्हें NEP 2020 की बारीकियां सिखाई जाएंगी.
गोरखपुर: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (DDU) के यूजीसी-मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग सेंटर (MMTTC) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 की अवधारणाओं और उसके प्रभावी क्रियान्वयन से शिक्षकों एवं शोधार्थियों को अवगत कराने के लिए एक ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया है. यह 11वाँ ऑनलाइन राष्ट्रीय शिक्षा नीति ओरिएंटेशन एवं सेंसिटाइजेशन कार्यक्रम 2 सितंबर से 10 सितंबर 2025 तक चलेगा, जिसमें देश भर के 5 दर्जन से अधिक शिक्षक और शोधार्थी हिस्सा ले रहे हैं.
कार्यक्रम का उद्घाटन सत्र
यह नौ दिवसीय कार्यक्रम 2 सितंबर को दोपहर 2:00 बजे शुरू होगा. उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता डीडीयू की कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन करेंगी. इस सत्र के मुख्य अतिथि इंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय, अमरकंटक (म.प्र.) के पूर्व कुलपति प्रोफेसर श्रीप्रकाश मणि त्रिपाठी होंगे. वहीं, जननायक चंद्रशेखर विश्वविद्यालय, बलिया (उ.प्र.) के कुलपति प्रोफेसर संजीत कुमार गुप्ता विशिष्ट अतिथि के तौर पर शामिल होंगे.
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देशभर के प्रतिष्ठित वक्ता करेंगे संबोधित
अंग्रेजी विभाग के आचार्य और पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर अजय कुमार शुक्ल ने बताया कि यह कार्यक्रम निदेशक प्रोफेसर चंद्रशेखर के मार्गदर्शन में हो रहा है. इसमें देशभर के केंद्रीय और राज्य विश्वविद्यालयों से कई प्रतिष्ठित वक्ता व्याख्यान देंगे. प्रोफेसर शुक्ल ने कहा कि 5 दर्जन से अधिक प्रतिभागियों की बड़ी संख्या यह दर्शाती है कि यह कार्यक्रम कितना व्यापक और प्रासंगिक है. समाजशास्त्र के सहायक आचार्य डॉ. मनीष कुमार पाण्डेय इस कार्यक्रम के सह-संयोजक हैं.
इन विषयों पर दिया जाएगा विशेष जोर
इस कार्यक्रम में NEP-2020 के सभी प्रमुख पहलुओं को शामिल किया जाएगा. इनमें अंतरविषयक और बहुविषयक शिक्षा व शोध, भारतीय ज्ञान परंपरा एवं सांस्कृतिक धरोहर, शासन एवं नेतृत्व, समानता एवं समावेशिता, शोध एवं नवाचार, कौशल विकास व उद्यमिता, डिजिटल एवं एआई-सक्षम शिक्षण, छात्र परामर्श एवं समग्र विकास, और उच्च शिक्षा का सतत विकास लक्ष्यों से जुड़ाव जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल हैं.