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परंपरा, नवाचार और सशक्तिकरण का संगम: ‘क्राफ्ट रूट्स’ मॉडल को नई शिक्षा नीति से जोड़ेगा डीडीयू

परंपरा, नवाचार और सशक्तिकरण का संगम: ‘क्राफ्ट रूट्स’ मॉडल को नई शिक्षा नीति से जोड़ेगा डीडीयू

गोरखपुर: दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय) का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल हाल ही में लखनऊ स्थित ऐतिहासिक सफ़ेद बारादरी, कैसरबाग में आयोजित ‘ग्रामश्री’ एवं ‘क्राफ्ट रूट्स’ प्रदर्शनी के सांस्कृतिक एवं शैक्षिक अध्ययन भ्रमण पर गया। यह पहल माननीय राज्यपाल महोदया श्रीमती आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा से आरंभ की गई है, जिसका मुख्य उद्देश्य भारतीय हस्तकला को पुनर्जीवित करना, कारीगरों को सम्मान दिलाना और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है।

परंपरा, नवाचार और सशक्तिकरण का संगम: ‘क्राफ्ट रूट्स’ मॉडल को नई शिक्षा नीति से जोड़ेगा डीडीयू
लखनऊ में सफ़ेद बारादरी में आयोजित ‘ग्रामश्री’ एवं ‘क्राफ्ट रूट्स’ प्रदर्शनी में वीसी प्रो. पूनम टंडन के साथ भ्रमण के लिए पहुंची डीडीयू टीम. फोटो: डीडीयू

जीवंत सांस्कृतिक विरासत का अद्भुत प्रदर्शन

प्रतिनिधिमंडल ने प्रदर्शनी में विभिन्न राज्यों से आए कारीगरों द्वारा निर्मित उत्पादों का बारीकी से अवलोकन किया। इनमें हथकरघा एवं हस्तनिर्मित वस्त्र, लकड़ी एवं मिट्टी कला, धातु शिल्प, प्राकृतिक रंगों के उत्पाद, पारंपरिक आभूषण और जनजातीय कलाएं शामिल थीं। विश्वविद्यालय के सदस्यों ने इस प्रदर्शनी को “जीवंत सांस्कृतिक विरासत का अद्भुत प्रदर्शन” बताया। उन्होंने कहा कि यह पहल न केवल कला का संरक्षण करती है, बल्कि शिक्षा और कौशल विकास के लिए भी नए मार्ग खोलती है।

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परंपरा, नवाचार और महिला सशक्तिकरण का आंदोलन

‘क्राफ्ट रूट्स’ एक सामाजिक एवं सांस्कृतिक आंदोलन है, जिसकी परिकल्पना माननीय राज्यपाल महोदया की दूरदर्शी सोच से प्रेरित है। यह पहल अब उत्तर प्रदेश में भी सफलतापूर्वक कार्य कर रही है। यह संस्था लुप्त होती पारंपरिक कलाओं को पुनर्जीवित करती है, कारीगरों को डिज़ाइन, ब्रांडिंग और वैश्विक बाज़ार से जोड़कर हज़ारों ग्रामीण एवं महिला कारीगरों को आर्थिक आत्मनिर्भरता प्रदान कर रही है। यह पहल सही मायने में “Vocal for Local” और “आत्मनिर्भर भारत” की भावना को ज़मीनी स्तर पर साकार कर रही है।

कुलपति प्रो. पूनम टंडन का संकल्प

इस अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा, “‘क्राफ्ट रूट्स’ केवल एक प्रदर्शनी नहीं, बल्कि परंपरा, नवाचार, स्वदेशी गौरव और महिला सशक्तिकरण का जीवंत आंदोलन है।” उन्होंने कहा कि माननीय राज्यपाल महोदया द्वारा आरंभ की गई यह पहल उच्च शिक्षा संस्थानों के लिए एक प्रेरणास्रोत है। कुलपति ने प्रतिबद्धता व्यक्त की कि डीडीयू गोरखपुर विश्वविद्यालय ऐसे मॉडलों को कौशल आधारित शिक्षा, उद्यमिता, सांस्कृतिक अध्ययन और सामुदायिक सहभागिता कार्यक्रमों से जोड़ने के लिए तत्पर है।

अध्ययन भ्रमण में सम्मिलित अधिकारीगण

इस महत्वपूर्ण अध्ययन भ्रमण में कुलपति प्रो. पूनम टंडन के साथ डीन स्टूडेंट्स वेलफेयर प्रो. अनुभूति दुबे, निदेशक महिला प्रकोष्ठ प्रो. दिव्या रानी सिंह, नोडल मिशन शक्ति प्रो. विनीता पाठक, कुलसचिव धीरेन्द्र श्रीवास्तव, वित्त अधिकारी श्री जय मंगल राव, श्री जय गोविंद सिंह, छात्रावास वार्डन डॉ. मीतू सिंह, डॉ मनीष पांडेय तथा विभिन्न संकायों के अन्य प्राध्यापक और अधिकारी सम्मिलित थे।

नई शिक्षा नीति से जुड़ेगा ‘क्राफ्ट रूट्स’ मॉडल

विश्वविद्यालय अब नई शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप ‘क्राफ्ट रूट्स’ मॉडल को कौशल और रोजगारोन्मुख शिक्षा, लोककला एवं सांस्कृतिक संरक्षण, महिला सशक्तिकरण, स्टार्टअप और सामाजिक नवाचार जैसे क्षेत्रों से जोड़ने की दिशा में कार्य करेगा। इसके तहत इंटर्नशिप, प्रशिक्षण कार्यक्रम और संभावित एमओयू (MoU) के माध्यम से विद्यार्थियों को इन पहलों से प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त करने का अवसर प्रदान किया जाएगा। यह भ्रमण उच्च शिक्षा में नवाचार और सामाजिक सहभागिता की दिशा में एक प्रेरक कदम सिद्ध हुआ।


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Priya Srivastava

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About Author

Priya Srivastava दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से पॉलिटिकल साइंस में परास्नातक हैं. गोगोरखपुर.कॉम के लिए इवेंट, एजुकेशन, कल्चर, रिलीजन जैसे टॉपिक कवर करती हैं. 'लिव ऐंड लेट अदर्स लिव' की फिलॉसफी में गहरा यकीन.

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