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गोरखपुर: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को गोड़धोइया नाला प्रोजेक्ट के निर्माण कार्यों का मौके पर पहुंचकर जायजा लिया. उन्होंने नाले पर अतिक्रमण को हटाने और निर्माण कार्य को जल्द व गुणवत्तापूर्ण तरीके से पूरा करने के निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कहा कि नाले के पुनरुद्धार से गोरखपुर के उत्तरी क्षेत्र में निवास करने वाली लगभग साढ़े तीन लाख से अधिक की आबादी को सीधे लाभ होगा. 17 से 18 वार्डों की जल निकासी व्यवस्था बेहतर होगी.
मुख्यमंत्री ने गोड़धोइया नाला प्रोजेक्ट की ड्राइंग व वीडियो प्रेजेंटेशन भी देखा. अधिकारियों से प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी ली और निर्देश दिए. उन्होंने प्रोजेक्ट के तहत निर्माणाधीन एसटीपी का निरीक्षण कर अब तक हुई प्रगति को जाना. सीएम ने कहा कि गुणवत्ता से कोई समझौता क्षम्य नहीं होगा.
निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मीडिया से रूबरू हुए. उन्होंने कहा कि रामगढ़ताल पूर्वी उत्तर प्रदेश का एक प्रमुख पर्यटन केंद्र बन चुका है. यहां पर जल के प्राकृतिक स्रोत को पुनर्जीवित करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण नाला गोड़ोइया मृतप्राय पड़ा था. इसके जीर्णोद्धार के लिए बनी परियोजना में रामगढ़ ताल तक नाला के डायवर्जन, इंटरसेप्शन और ट्रीटमेंट के कार्य किए जाएंगे. मुख्यमंत्री ने कहा कि मंशा है कि रामगढ़ताल में कहीं से भी प्रदूषित जल न जाने पाए.
लगभग 10 किलोमीटर लंबे गोड़धोइया नाला का पुनरुद्धार करने और गोरखपुर के उत्तरी क्षेत्र की जल निकासी की समस्या का समाधान करने का भी कार्य हो रहा है. नाले के पुनरुद्धार कार्य में अलग-अलग सीवर लाइन और ड्रेनेज लाइन पड़ेगी. सीवर सीवर या ड्रेनेज का पानी बिना ट्रीट किए रामगढ़ ताल में नहीं गिरेगा. इससे रामगढ़ताल में प्रदूषित पानी नहीं जाएगा.
पुनरुद्धार कार्य के पूरा होने के बाद आवागमन का भी एक बेहतरीन माध्यम इन क्षेत्रों में निवास करने वाले नागरिकों को मिलेगा. उन्होंने कहा कि गोड़धोइया नाले पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हो गया था. उसे चिह्नित कर हटाया गया है और कुछ को अभी हटाया जा रहा है. गोड़धोइया नाले के पुनरुद्धार से रामगढ़ ताल के सुंदरीकरण की मंशा भी पूरी होगी. निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री के साथ सांसद रविकिशन, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, एमएलसी डॉ. धर्मेंद्र सिंह आदि भी मौजूद रहे.