आज की चर्चा के केंद्र में मानवता को शर्मसार करने वाली घटना है। घटना पूर्वांचलीय समाज से है।
बेहद गरीब परिवार की। मजदूरी करके घर चलाने वाले एक युवक की। लुगाई हामला थी। प्रसव पीड़ा हुई। कोई विकल्प न था। निजी अस्पताल ले गया। गांठ में सिर्फ चार हजार रुपये। अस्पताल ने बिल थमा दिया बीस हजार का। अदा करने को पैसे नहीं थे। अस्पताल का अमानवीय चेहरा सामने था।
इतना मजबूर हुआ कि कलेजे के टुकड़े को बेचने के सिवा कोई चारा नहीं दिखा। जरिए सोशल मीडिया जिला प्रशासन को खबर मिली। सभी सक्रिय। अब जांच और आगे की कारगुजारी चल रही है।
मामला कुशीनगर जनपद में पड़ने वाले गांव बरवापट्टी, दशहवा गांव का है। प्रसूता के चार पुत्र और एक पुत्री पहले से हैं। यह घटना कई सवाल समेटे हुए है। ग्रामीण क्षेत्र राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) से आच्छादित हैं। 1000 आबादी पर एक आशा हैं। इनके बृहद कार्य उद्देश्य हैं। इनमें महिला स्वास्थ्य प्रमुख है। सुरक्षित प्रसव कराने का जिम्मा तो सर्वोपरि। कहां थी आशा? यह कड़ी कैसे टूटी? इसके जैसे तमाम प्रश्न। अब बहुत कुछ जांच के घेरे में।
निजी चिकित्सा सेवाओं का संजाल शहर से लेकर गांवों तक फैला है। अब तो इनके दलाल भी हर की मौजूद हैं। कहीं-कहीं तो सब कुछ तंत्र की जानकारी में होते हुए। एक दौर था, जब चिकित्सा सेवा के केंद्र में मानवीय मूल्य होते थे। अब सब लाभ की संस्कृति में डूबे हुए। पैसे के लिए अस्पतालों की अमानवीयता अब अक्सर सुर्खियों में आ जाती है। आर्थिक रूप से कमजोर के लिए उनके वहां कोई जगह नहीं।
इन अमानवीयों से कहीं आगे तो बच्चा खरीदने वाले निकले। इंसानियत के नाम पर कलंक। जानकारी पुष्ट नहीं। बीस हजार में सौदा किया। लिखा-पढ़ी के दौरान बात खुल गई। खैर, अब तो पुलिस पीछे पड़ी है। कानून हाथ में लिया है, तो शायद अंजाम भी भुगतें।
क्या गुजरती होगी उस मजदूर बेचारे के दिल पर। शायद यही न-
मिरी मजबूरियां क्या पूछते हो…
कि जीने के लिए मजबूर हूं मैं…
अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति से उनके आकाओं को है परेशानी: सीएम
चौरीचौरा विधायक सरवन निषाद बने एथिक्स कमेटी के सदस्य
बहराइच में तेंदुए ने किसान पर हमला कर मार डाला
ड्रोन कैमरों से होगी दुर्गा पूजा पंडालों की निगरानी
स्थापना के 89 साल बाद बंद होने जा रही गोरखपुर की पहचान यह मिल
डीडीयू के 8 एनसीसी कैडेट्स का भारतीय सेना में चयन
मेधा के ‘सफरनामा’ में महिला शिक्षा और कौशल पर जोर
एनईआर की टीम ने फुटबॉल चैंपियनशिप में पहली बार जीता कांस्य
24 घंटे में शहर में हुई 100 एमएम बारिश
‘स्थगित संपत्तिकर’ जमा कर दिया है तो नो टेंशन, निगम करेगा समायोजन
गोरखपुर में अथॉरिटी तीन लोकेशन पर दे रही आलीशान फ्लैट, जल्द करें बुकिंग
डॉ. अजय सिंह को एम्स गोरखपुर का अतिरिक्त प्रभार
यूट्यूबर एल्विश और गायक राहुल की संपत्तियां ईडी ने क्यों कीं अटैच, जानिए यहां
दस साल में 7500 फीसद बढ़ गई मोबाइल मैन्चुफैक्चरिंग इंडस्ट्री
स्कूलों में शुरू हुआ विशेष टीकाकरण अभियान, जानिए कौन से टीके लगेंगे