Last Updated on September 25, 2025 5:48 PM by गो गोरखपुर ब्यूरो
बहराइच: उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में पयागपुर क्षेत्र के पटिहाट चौराहे पर संचालित एक अवैध मदरसा बुधवार को उपजिलाधिकारी (एसडीएम) अश्वनी पांडेय के औचक निरीक्षण के घेरे में आ गया। अनियमितताओं की शिकायत पर एसडीएम ने जब अपनी टीम के साथ मदरसे पर छापा मारा, तो मदरसा संचालकों ने टीम को अंदर जाने से रोकने का प्रयास किया, जिसके बाद प्रशासनिक टीम को सख्ती दिखानी पड़ी।
छापेमारी में मौके से स्थानीय बच्चियों के साथ-साथ पड़ोसी जिलों श्रावस्ती और गोंडा की भी लड़कियां मिली हैं। जांच रिपोर्ट अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को भेजी गई है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई होने की संभावना है।
अवैध मदरसे पर एसडीएम की औचक छापेमारी
एसडीएम अश्वनी पांडेय को मदरसे में गंभीर अनियमितता की शिकायत मिली थी, जिसके आधार पर उन्होंने अपनी प्रशासनिक टीम के साथ पटिहाट चौराहे स्थित मदरसे पर छापा मारा। शुरुआत में मदरसा संचालकों ने टीम को अंदर नहीं जाने दिया, लेकिन प्रशासनिक सख्ती के सामने उन्हें पीछे हटना पड़ा। जांच के दौरान वहां नौ से लेकर 14 वर्ष तक की कुल 40 बच्चियां मिलीं। बच्चियों की इतनी बड़ी संख्या देखकर एसडीएम ने तत्काल पुलिस को सूचना दी।
बच्चियों को बाथरूम में छिपाने का प्रयास
छापेमारी के दौरान मदरसा संचालक की एक और चौंकाने वाली हरकत सामने आई। जैसे ही प्रशासनिक टीम ने जांच शुरू की, मदरसा संचालक खलील ने बच्चियों को बाथरूम में छिपाने का प्रयास किया। हालांकि, टीम की सतर्कता के कारण यह प्रयास सफल नहीं हो सका। पुलिस की सूचना पर महिला कांस्टेबल मौके पर पहुंची और उन्होंने एक-एक कर सभी 40 बच्चियों के नाम और पता नोट किए।
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पंजीकरण के कागजात नहीं दिखा सके संचालक खलील
एसडीएम अश्वनी पांडेय ने जानकारी देते हुए बताया कि जांच के दौरान मदरसा संचालक खलील मदरसे के पंजीकरण से संबंधित कोई भी वैध कागजात या दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सका। इससे यह पुष्टि हुई कि मदरसा अवैध रूप से संचालित किया जा रहा था। जांच और कार्रवाई के बाद आसपास के लोग भी दंग हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि इतनी बड़ी संख्या में बच्चियां इस मदरसे में रह रही हैं। पुलिस ने सभी बच्चियों के नाम-पते नोट करने के बाद फिलहाल उन्हें संचालक की सुपुर्दगी में सौंप दिया है। जांच की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों और अल्पसंख्यक कल्याण विभाग को भेज दी गई है।