अयोध्या: लंबे इंतजार के बाद आखिरकार अयोध्या में जमीन के सर्किल रेट में भारी वृद्धि कर दी गई है। जिला प्रशासन को 2017 के बाद सर्किल रेट बढ़ाने में आठ साल लग गए। अब अयोध्या के विभिन्न क्षेत्रों में जमीन के सर्किल रेट में 30 प्रतिशत से लेकर 200 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की गई है। यह आदेश 7 जून से प्रभावी हो गया है, हालांकि नई दरों पर जमीन की रजिस्ट्री सोमवार से शुरू हुई है।
किन क्षेत्रों में कितनी बढ़ोतरी?
उपनिबंधक सदर शांति भूषण चौबे ने बताया कि जिन क्षेत्रों में जमीन के बैनामे ज्यादा हो रहे थे, वहां 150 से 200 प्रतिशत तक की वृद्धि दर्ज की गई है। अन्य क्षेत्रों में 30 से 40 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इस वृद्धि में जमीन के उपयोग (आवासीय, व्यावसायिक, कृषि) और स्थान को मुख्य आधार बनाया गया है। सर्किल रेट बढ़ने के बाद रिकाबगंज, देवकाली और अवध विहार आवासीय योजना में जमीन सबसे महंगी हो गई है।
राम मंदिर के आसपास के क्षेत्रों में भी उछाल
राम मंदिर के आसपास के क्षेत्रों की जमीन भी अब काफी महंगी हो गई है। इन इलाकों में 26,600 से 27,900 रुपये प्रति वर्ग मीटर का नया सर्किल रेट लागू हुआ है। यह वृद्धि आवासीय, कृषि और व्यावसायिक तीनों क्षेत्रों में अलग-अलग हुई है। सर्किल रेट बढ़ाने का प्रस्ताव 4 सितंबर 2024 को मांगा गया था, और प्रस्ताव के आधार पर डीएम टीकाराम फुंडे ने नई दरों को स्वीकृति दे दी है।
प्रमुख क्षेत्रों के नए सर्किल रेट:
- माझा लिहुरा (राम मंदिर से करीब 5 किमी): पहले ₹1700 प्रति वर्ग मीटर, अब ₹5100 प्रति वर्ग मीटर।
- शाहनेवाजपुर माझा: ₹6000 प्रति वर्ग मीटर।
- माझा बरेहटा (मंदिर से करीब 1.5 किमी): पहले ₹5100 प्रति वर्ग मीटर, अब ₹7200 प्रति वर्ग मीटर।
- दर्शनगर कुशमात्रा (राम मंदिर से 2 किमी): पहले ₹3900 प्रति वर्ग मीटर, अब ₹4900 प्रति वर्ग मीटर।
- सरायरासी माझा और रामपुर हलवारा (राम मंदिर से करीब 5 किमी): पहले ₹1700 प्रति वर्ग मीटर, अब ₹3800 प्रति वर्ग मीटर।
सर्वे के बाद बढ़ोतरी, राजस्व में 35% वृद्धि की संभावना
डीएम निखिल टीकाराम फुंडे के अनुसार प्रस्ताव पर प्राप्त आपत्तियों पर विचार करने के बाद ही सर्किल रेट में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। उन्होंने यह भी बताया कि कई क्षेत्रों में लोगों की यह मांग थी कि उनके प्रस्ताव से भी ज्यादा बढ़ोतरी की जाए। प्रशासन ने विस्तृत सर्वे कराया और बाजार दरों का ध्यान रखते हुए यह वृद्धि की है।
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सहायक महानिरीक्षक निबंधन वाईपी सिंह ने बताया कि बढ़े हुए सर्किल रेट से करीब 35 प्रतिशत राजस्व बढ़ने की संभावना है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि प्रशासन के पास 200 से 300 प्रतिशत तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव आया था, लेकिन आपत्तियों के निस्तारण के बाद औसत वृद्धि 35 प्रतिशत रही। 2017 के बाद पहली बार सर्किल रेट में यह वृद्धि की गई है।
क्या होता है सर्किल रेट?
सर्किल रेट किसी भी क्षेत्र में प्लाट, निजी घर या किसी जमीनी संपत्ति का वह न्यूनतम मूल्य होता है, जो वहां के प्रशासन द्वारा निर्धारित किया जाता है। किसी भी संपत्ति की रजिस्ट्री इस सर्किल रेट से कम स्टैंप ड्यूटी पर नहीं हो सकती।
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