Anti corruption action: एंटी करप्शन की टीम ने कप्तानगंज तहसील के जगदीशपुर हल्का में कार्यरत कानूनगो वशीर आलम को तहसील परिसर में पांच हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया. आरोपी कानूनगो द्वारा दफा 24 के पैमाइश के लिए रिश्वत की मांग की गई थी.
कप्तानगंज तहसील क्षेत्र के सोहरौना राजस्व गांव क्षेत्र के निवासी ब्रह्मदेव पांडेय के अनुसार चक के पैमाइश के लिए एक साल पूर्व दफा 24 का आदेश हुआ था. राजस्व क्षेत्र में कार्यरत कानूनगो ने आदेश की फाइल रिसीव किया और पैमाइश करने के नाम पर 18 हजार रूपये नकद भी लिये लेकिन चक की पैमाइश न करके टाल मटोल करने लगे. एक सप्ताह पूर्व कानूनगो द्वारा पुनः पांच हजार रुपए की मांग की गयी. इसकी शिकायत ब्रह्मदेव पांडेय के बेटे जयप्रकाश पांडेय ने पांच दिन पूर्व एंटी करप्शन टीम गोरखपुर को की.
एंटी करप्शन टीम शुक्रवार को कप्तानगंज तहसील पहुंचीं. टीम ने जमीन की पैमाइश की प्रक्रिया पूरी करने के एवज में पांच हजार रुपए रिश्वत लेते हुए राजस्व निरीक्षक वशीर आलम पुत्र नसीर अहमद तथा एक प्राइवेट व्यक्ति रामप्रवेश सिंह पुत्र रामरेखा सिंह को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तार आरोपियों पर रामकोला थाने में धारा 7, 7ए,12,13 (1) ख सपठित धारा 13 (2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 यथा संशोधित भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 के तहत अभियोग पंजीत किया गया.
इधर कानूनगों के उम्र हुई एंटी करप्शन की टीम द्वारा कार्यवाही का पता चलते ही तहसील क्षेत्र के लेखपाल रामकोला थाने पर पहुंच गए. सभी एंटी करप्शन की कार्यवाही को झूठा बताते हुए विरोध करने लगे. लेखपाल संघ का कहना था कि एंटी करप्शन ने झूठी कहानी रचते हुए कानूनगो को उठाया है. शिकायतकर्ता ने कानूनगो को रूपये न देकर किसी बाहरी आदमी को दिया था. प्राइवेट आदमी कौन था यह किसी को पता नहीं है. सिर्फ उन्हें फंसाने के लिए भेजा गया था. लेखपाल संघ का यह भी आरोप है कि जबरन कानूनगो को रूपये देकर एंटी करप्शन उन्हें दोषी साबित कर रही है.