Gorakhpur: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) गोरखपुर ने मानसिक रोग विभाग में इलेक्ट्रोकन्वल्सिव थेरेपी (ईसीटी) की सुविधा शुरू कर दी है. यह थेरेपी गंभीर अवसाद, आत्महत्या के विचार, सिज़ोफ्रेनिया, गंभीर मनोविकृति आदि मानसिक विकारों के इलाज में मददगार होगी.
एम्स गोरखपुर में ईसीटी एक सुरक्षित और प्रभावी प्रक्रिया के रूप में उपलब्ध होगी. यह थेरेपी उन मरीजों के लिए विशेष रूप से लाभदायक है, जिनका सामान्य दवाओं से उपचार संभव नहीं हो पाता. ईसीटी के दौरान हल्की विद्युत ऊर्जा का उपयोग किया जाता है, जिससे कई प्रकार के मानसिक विकारों का प्रभावी इलाज संभव है.
यह एक गैर-सर्जिकल प्रक्रिया है जिसमें मरीज को सामान्य एनेस्थीसिया एवं मांसपेशी शिथिलक के प्रयोग के साथ 20-30 मिनट में थेरेपी दी जाती है. इस प्रक्रिया का कोई गंभीर दुष्प्रभाव नहीं होता है और मरीज को कोई असुविधा या याददाश्त की समस्या नहीं होती.
एम्स गोरखपुर में ईसीटी सुविधा की शुरुआत मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को और सशक्त बनाएगी. इससे गंभीर मानसिक विकारों से पीड़ित मरीजों को एक प्रभावी उपचार विकल्प मिलेगा.