एम्स गोरखपुर में राष्ट्रीय कुष्ठ दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन
Gorakhpur: एम्स गोरखपुर में राष्ट्रीय कुष्ठ दिवस के मौके पर त्वचा रोग एवं वेनेरोलॉजी विभाग ने ओपीडी ब्लॉक में एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया. इस कार्यक्रम में कुष्ठ रोग से जुड़ी भ्रांतियों को दूर करने और लोगों को इस बीमारी के बारे में सही जानकारी देने पर ज़ोर दिया गया. कार्यक्रम की मुख्य अतिथि एम्स गोरखपुर की कार्यकारी निदेशक मेजर जनरल (डॉ.) विभा दत्ता (सेवानिवृत्त) रहीं.
नुक्कड़ नाटक से दूर हुई भ्रांतियां
कार्यक्रम के दौरान नर्सिंग छात्राओं ने ओपीडी मरीजों और उनके तीमारदारों के सामने कुष्ठ रोग से जुड़ी भ्रांतियों और तथ्यों को बताते हुए एक नुक्कड़ नाटक प्रस्तुत किया. इस नाटक के माध्यम से लोगों को बताया गया कि कुष्ठ रोग छूने से नहीं फैलता और इसका इलाज संभव है.
314 मरीजों का हुआ पंजीकरण
त्वचा रोग विभाग के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष डॉ. सुनील कुमार गुप्ता ने बताया कि पिछले वर्ष विभाग ने कुल 314 कुष्ठ रोगियों का पंजीकरण किया, जिनमें से 225 गोरखपुर और आसपास के शहरों से थे, जबकि 89 रोगी बिहार और नेपाल से आए थे. उन्होंने यह भी बताया कि 138 रोगियों ने सफलतापूर्वक अपना उपचार पूरा किया है.
कुष्ठ रोग के इलाज में एम्स गोरखपुर का योगदान
डीन (अकादमिक) प्रोफेसर महिमा मित्तल ने बाल कुष्ठ रोग और इसकी रोकथाम पर प्रकाश डाला. चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर अजय भारती ने कहा कि एम्स गोरखपुर सामाजिक कलंक से जुड़ी बीमारियों के इलाज और जागरूकता फैलाने के लिए निरंतर प्रयास कर रहा है.
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कार्यकारी निदेशक ने दिया जागरूकता का संदेश
अपने समापन भाषण में कार्यकारी निदेशक ने कुष्ठ रोग के बारे में गलत धारणाओं को दूर करने के महत्व पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि कुष्ठ रोग कोई संक्रामक रोग नहीं है और उचित उपचार से पूरी तरह ठीक हो सकता है. उन्होंने सभी से समाज और राष्ट्र से कुष्ठ रोग को मिटाने के लिए जागरूकता फैलाने में हाथ मिलाने का आग्रह किया. कार्यक्रम में डॉ. शिवांगी राणा, प्रोफेसर शिखा सेठ, डॉ. आराधना सिंह, उप निदेशक (प्रशासन) श्री अरुण कुमार सिंह, नर्सिंग प्रिंसिपल और डॉ. रेणुका सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति शामिल हुए.