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17 गांवों की परती पड़ी जमीन अब सोना उगलने के लिए है तैयार

गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण

पूर्वांचल का सबसे बड़ा इंडस्ट्रियल लैंड बैंक बनने जा रहा है धुरियापार

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17 गांवों की परती पड़ी जमीन अब सोना उगलने के लिए है तैयार
17 गांवों की परती पड़ी जमीन अब सोना उगलने के लिए है तैयार

Gorakhpur: गोरखपुर के धुरियापार क्षेत्र में 5500 एकड़ में फैले एक विशाल औद्योगिक गलियारे का निर्माण किया जा रहा है. यह पूर्वांचल का सबसे बड़ा इंडस्ट्रियल लैंड बैंक होगा, जहां बड़े उद्योगों के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग कलस्टर भी विकसित किया जाएगा. इस परियोजना के लिए 17 गांवों की अनुपजाऊ जमीनों का अधिग्रहण किया जा रहा है, जिससे किसानों को भी अच्छा मुआवजा मिलेगा.

चरणबद्ध तरीके से होगा विकास
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल पर गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) इस परियोजना को मूर्त रूप देने में जुटा है. बुधवार को हुई गीडा की बोर्ड बैठक में धुरियापार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के मास्टर प्लान को मंजूरी दे दी गई है. इस कॉरिडोर का विकास चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा. मास्टर प्लान के अनुसार, कुल क्षेत्रफल का 32.04% हिस्सा औद्योगिक, 19.39% आवासीय, 6.51% पीएसपी, 4.21% व्यावसायिक, 15.70% हरित-खुला क्षेत्र, 2.32% मिश्रित और 4.17% परिवहन सुविधाओं के लिए होगा.

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इन गांवों को किया गया है अधिसूचित
इस परियोजना के लिए जिन गांवों की जमीन अधिग्रहित की जा रही है, उनमें बाथ बुजुर्ग, बाथ खुर्द, भिसमपट्टी, चाडी, धौरहरा, दिघरूआ, दोदापार, दुबरीपुरा, गजपुर, गौरखास, हरपुर, काश्तकाशी नायक, मठदुर्वाशा, नारायण खुर्द, परसा बुजुर्ग, पुरादयाल और सकरदेइया शामिल हैं. यह परियोजना धुरियापार समेत पूरे गोरखपुर के लिए गेम चेंजर साबित होगी और यहां रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.

अमित श्रीवास्तव

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गोरखपुर विश्वविद्यालय और माखनलाल चतुर्वेदी पत्रकारिता विश्वविद्यालय, भोपाल से अध्ययन. अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक हिंदुस्तान के साथ करीब डेढ़ दशक तक जुड़े रहे. गोरखपुर शहर से जुड़े मुद्दों पर बारीक नज़र रखते हैं.

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