एम्स गोरखपुर के अत्याधुनिक शवगृह में पहले दो शव परीक्षण सफलतापूर्वक हुए, फॉरेंसिक मेडिसिन सेवाओं की शुरुआत। मेजर जनरल (डॉ.) विभा दत्ता के नेतृत्व में उपलब्धि।

गोरखपुर: एम्स गोरखपुर के अत्याधुनिक शवगृह परिसर में आज पहले दो शव परीक्षण (पोस्टमार्टम) सफलतापूर्वक संपन्न किए गए। पूर्व में उद्घाटित इस शवगृह के क्रियाशील होने के साथ ही संस्थान में विधि-विज्ञान (Forensic Medicine) सेवाओं की आधिकारिक शुरुआत हो गई है। यह उपलब्धि चिकित्सा शिक्षा, अनुसंधान और जनसेवा के क्षेत्र में एम्स गोरखपुर की प्रतिबद्धता को और सुदृढ़ करती है।
विशेषज्ञों की टीम ने किए शव परीक्षण
आज किए गए ये दोनों शव परीक्षण एम्स गोरखपुर के फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के डॉ. आशीष सराफ और डॉ. नवनीत अटेरिया द्वारा सम्पन्न किए गए। दोनों विशेषज्ञों ने पूर्ण तकनीकी दक्षता और मानक प्रक्रियाओं के अनुरूप यह कार्य किया, जिससे संस्थान में शव परीक्षण की यह प्रथम प्रक्रिया सफलतापूर्वक संपन्न हुई।
कार्यकारी निदेशक के दूरदर्शी नेतृत्व का परिणाम
इस महत्वपूर्ण सेवा को शुरू कराने में एम्स गोरखपुर की कार्यकारी निदेशिका एवं सीईओ, मेजर जनरल (डॉ.) विभा दत्ता की अग्रणी भूमिका रही। उनके दूरदर्शी नेतृत्व और मजबूत प्रशासनिक सहयोग से इस शवगृह परिसर की योजना, निर्माण एवं संचालन संभव हो सका। डॉ. दत्ता का निरंतर प्रयास रहा है कि एम्स गोरखपुर में फॉरेंसिक मेडिसिन और विधिविज्ञान सेवाएं सुदृढ़ हों, जिससे चिकित्सा छात्रों को व्यावहारिक प्रशिक्षण मिले और क्षेत्र में समयबद्ध एवं मानवीय दृष्टिकोण से शव परीक्षण सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकें।
शवगृह परिसर के संचालन से न केवल शैक्षणिक और व्यावहारिक प्रशिक्षण को बल मिलेगा, बल्कि न्यायिक व्यवस्था को सशक्त करने में भी एम्स गोरखपुर की भूमिका सुदृढ़ होगी। यह संस्थान क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं को लगातार बेहतर बनाने की दिशा में काम कर रहा है।
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