गोरखपुर: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स गोरखपुर AFMC पुणे) के लिए एक बड़ी शैक्षणिक उपलब्धि दर्ज हुई है। संस्थान के छह मेधावी छात्र-छात्राओं और एक संकाय सदस्य ने पहली बार सशस्त्र सेना चिकित्सा महाविद्यालय (Armed Forces Medical College – AFMC), पुणे में 30 सितंबर से 12 अक्टूबर 2025 तक आयोजित 12 दिवसीय छात्र विनिमय कार्यक्रम (Student Exchange Programme) के तहत अध्ययन भ्रमण किया। यह विनिमय कार्यक्रम एम्स गोरखपुर के शैक्षणिक सहयोग और छात्र अनुभव पहल की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है।
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प्रतिनिधिमंडल में संकाय सदस्य सहित 6 मेधावी छात्र
इस उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल में एमबीबीएस द्वितीय वर्ष के छात्र-छात्राएँ श्री सार्निक डे, स्वर्णिमा बाबर, दीप्ति, साक्षम रावत, रोहित कृष्ण और सौमिक पाल शामिल थे। उनके साथ पैथोलॉजी विभाग की संकाय सदस्य डॉ. दीपिका भी इस अध्ययन भ्रमण में सम्मिलित थीं। कार्यक्रम का शुभारंभ AFMC के डीन एवं डिप्टी कमांडेंट मेजर जनरल अतुल सेठ के स्वागत संबोधन से हुआ।
युद्ध चिकित्सा इतिहास और आधुनिक तकनीक का अवलोकन
भ्रमण के दौरान विद्यार्थियों ने AFMC के विभिन्न महत्वपूर्ण विभागों का दौरा किया। इनमें एनाटॉमी, माइक्रोबायोलॉजी, बायोकैमिस्ट्री, इम्यूनोहीमेटोलॉजी एंड ब्लड ट्रांसफ्यूजन (IHBT), साइंटिफिक सोसाइटी और Armed Forces Center for Computational Medicine (AFCCM) शामिल थे। छात्रों ने विभागीय संग्रहालयों का अवलोकन किया और यह विस्तृत जानकारी प्राप्त की कि प्रथम एवं द्वितीय विश्वयुद्ध के दौरान सैनिकों की चिकित्सा एवं रक्षा कैसे की जाती थी। साथ ही, उन्हें आधुनिक चिकित्सा उपकरणों और नवीनतम तकनीकों का प्रत्यक्ष अनुभव भी मिला।
कृत्रिम अंग केंद्र और शारीरिक प्रशिक्षण की जानकारी
प्रतिनिधिमंडल ने 1944 में स्थापित प्रमुख पुनर्वास केंद्र Artificial Limb Centre (ALC) का भी दौरा किया। यह केंद्र मूल रूप से भारतीय सेना के लिए बनाया गया था, लेकिन अब यह नागरिकों को भी अत्याधुनिक कृत्रिम अंग और पुनर्वास सेवाएँ प्रदान करता है। छात्रों को Sports Medicine Department और Army Institute of Physical Training (AIPT) का भी भ्रमण कराया गया, जहाँ उन्हें शारीरिक प्रशिक्षण, खेलों से जुड़ी चिकित्सा और प्रशिक्षण प्रणाली के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों ने AFMC के मेडिकल कैडेट्स के साथ एमबीबीएस की नियमित कक्षाओं और क्लिनिकल पोस्टिंग्स में भी सक्रिय रूप से भाग लिया, जिससे उन्हें सशस्त्र सेना चिकित्सा महाविद्यालय की शैक्षणिक प्रणाली, अनुशासन और क्लिनिकल प्रशिक्षण के स्तर को करीब से जानने का मौका मिला।
शैक्षणिक सहयोग और सांस्कृतिक सहभागिता
कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों ने मेडिकल एजुकेशन यूनिट की शैक्षणिक गतिविधियों में भाग लिया। इसके अतिरिक्त, AFMC के छात्रों के साथ सांस्कृतिक एवं खेलकूद गतिविधियों जैसे Fine Art Gallery, Music, Badminton, Swimming आदि में भी सक्रिय रूप से सहभागिता की। कार्यक्रम के अंतिम दिन, विद्यार्थियों ने अपने अनुभव साझा किए और फीडबैक सत्र में भाग लिया, जिसके बाद AFMC के निदेशक एवं कमांडेंट मेजर जनरल पंकज राव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में दोनों संस्थानों के बीच स्मृति चिह्नों का आदान-प्रदान किया गया। एम्स गोरखपुर की निदेशक एवं समस्त प्रशासन ने इस पहल की सराहना की और इसे विद्यार्थियों के शैक्षणिक, सांस्कृतिक एवं व्यक्तित्व विकास के लिए अत्यंत सहायक बताया।