Ae Watan Mere Watan
कौन क्या:
निर्देशक:कन्नन अय्यर
कलाकार: सारा अली खान, सचिन खेडेकर, इमरान हाशमी, आनंद तिवारी, स्पर्श श्रीवास्तव, मधु राज, अभय वर्मा
रेटिंग: 2.5/5
पृष्ठभूमि:
यह फिल्म बॉम्बे (वर्तमान मुंबई) की 20 वर्षीय लड़की उषा मेहता की कहानी के इर्द-गिर्द घूमती है, जो कांग्रेस रेडियो की संस्थापक थी. फिल्म में आजादी के लिए उनके संघर्ष और इस राह में उनके सामने आने वाली चुनौतियों को दर्शाया गया है.
प्लस प्वाइंट:
-फिल्म का आधार दिलचस्प है और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक कम-ज्ञात पहलू पर प्रकाश डालता है.
-राम मनोहर लोहिया के रूप में इमरान हाशमी ने दमदार अभिनय किया है.
-जस्टिस हरिप्रसाद के रूप में सचिन खेडेकर प्रभावशाली हैं.
-“कतरा कतरा” और “ऐ वतन ऐ वतन” गाने अमिट छाप छोड़ते हैं.
नेगेटिव प्वाइंट्स:
-उषा मेहता के रूप में सारा अली खान का प्रदर्शन असंगत है और उसमें गहराई का अभाव है.
-पटकथा कमजोर है और फिल्म दूसरे भाग में लड़खड़ाती है.
-फिल्म पूरी तरह से कांग्रेस रेडियो पर केंद्रित है और उन घटनाओं पर ध्यान नहीं देती है जिन्होंने उषा मेहता को एक स्वतंत्रता सेनानी के रूप में आकार दिया.
क्या मानें:
‘ऐ वतन मेरे वतन’ एक बार देखी जाने वाली फिल्म है जो कमजोर पटकथा और असंगत अभिनय से ग्रस्त है. हालांकि, इमरान हाशमी की परफॉर्मेंस और देशभक्ति के गाने इसे देखने लायक बनाते हैं.
प्वाइंट्स टू बी नोटेड:
-यह फिल्म 21 मार्च से अमेज़न प्राइम वीडियो पर स्ट्रीमिंग के लिए उपलब्ध है.
-फिल्म को उन घटनाओं की खोज से फायदा हो सकता था जिन्होंने उषा मेहता की एक सक्रिय स्वतंत्रता सेनानी की यात्रा को आकार दिया.
-दारब फ़ारूक़ी का लेखन कुछ दृश्यों में फैला हुआ है, विशेष रूप से वह जहाँ उषा मेहता रेडियो उपकरण प्राप्त करने के बाद पुलिस से बच निकलती है.
कुल मिलाकर:
यदि आप एक हल्की-फुल्की देशभक्तिपूर्ण फिल्म की तलाश में हैं, तो ‘ऐ वतन मेरे वतन’ पर्याप्त हो सकती है. हालाँकि, यदि आप एक गहन और अच्छी तरह से तैयार किए गए ऐतिहासिक नाटक की तलाश में हैं, तो आप कहीं और देखना चाहेंगे.