Gorakhpur: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय अपने हीरक जयंती वर्ष में एक अनूठी पहल करने जा रहा है. विश्वविद्यालय यूजीसी की ‘आर्टिस्ट इन रेजिडेंस’ योजना शुरू करेगा, जिसके तहत विभिन्न कलाओं के माहिर विश्वविद्यालय में रहकर छात्रों को प्रशिक्षण देंगे.
इस योजना के अंतर्गत चित्रकला, संगीत, नृत्य, नाट्यकर्म और लोक कलाओं के ज्ञाता एक निश्चित समय तक विश्वविद्यालय में रहेंगे. इस दौरान वे अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे और छात्रों को उसमें निपुण बनाएंगे.
कुलपति प्रो. पूनम टंडन का कहना है कि यह योजना कला और शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण पहल है. इससे समाज में कलाओं को बढ़ावा मिलेगा और कई लुप्तप्राय कलाओं को भी बचाया जा सकेगा. साथ ही, छात्रों को कला के क्षेत्र में करियर बनाने का मौका भी मिलेगा.
विश्वविद्यालय जल्द ही अपनी वेबसाइट पर योजना का पूरा विवरण जारी करेगा और ऑनलाइन आवेदन आमंत्रित करेगा. चयन के बाद विभिन्न कलाकार अलग-अलग समय पर विश्वविद्यालय में रहेंगे.
इस योजना में पारंपरिक हस्तशिल्प, शास्त्रीय एवं सुगम संगीत, विभिन्न प्रकार के नृत्य, पेंटिंग, मूर्तिकला, फोटोग्राफी, लोक नाटक, मेहंदी और रंगोली जैसी कई कलाएं शामिल हैं.