गोरखपुर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत आगामी फरवरी माह में गोरखपुर पहुंच रहे हैं। संघ के शताब्दी वर्ष के मद्देनजर उनका यह तीन दिवसीय प्रवास बेहद अहम माना जा रहा है। 14 फरवरी की शाम को आगमन के साथ ही वे ‘सामाजिक सद्भाव गोष्ठी’ अभियान को नई धार देंगे और संगठन को जमीनी स्तर पर और अधिक मजबूत करने की रूपरेखा तैयार करेंगे।
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15 फरवरी को ‘सद्भाव गोष्ठी’ संयोजकों संग मंथन
भागवत के दौरे के दूसरे दिन यानी 15 फरवरी को मैराथन बैठकों का दौर चलेगा। वे दो महत्वपूर्ण सत्रों में हिस्सा लेंगे। पहली बैठक में वे प्रांत स्तर के संघ पदाधिकारियों के साथ चर्चा करेंगे। वहीं, दूसरी बैठक में विशेष रूप से ‘सद्भाव गोष्ठी’ के संयोजकों को संबोधित कर अभियान की सफलता के लिए जरूरी मार्गदर्शन (पाथेय) देंगे। 1 से 28 फरवरी तक चलने वाले इस अभियान का उद्देश्य समाज में आपसी सहयोग बढ़ाना है।
गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में जुटेंगे शहर के 500 विशिष्ट जन
प्रवास के समापन दिवस, 16 फरवरी को योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में संघ की शक्ति का प्रदर्शन देखने को मिलेगा। सुबह 11 बजे ‘प्रमुख जन गोष्ठी’ का आयोजन होगा, जिसमें शहर के करीब 500 विशिष्ट बुद्धिजीवी और नागरिक शामिल होंगे। इसके अलावा, एक भव्य ‘परिवार मिलन समारोह’ भी होगा, जिसमें 1000 से अधिक लोगों की उपस्थिति रहेगी। इन दोनों मंचों से मोहन भागवत सामाजिक समरसता और राष्ट्रीय एकता का मंत्र देंगे।
होसबाले के बाद अब भागवत: गोरखपुर बना संघ का केंद्र
गोरखपुर इस समय संघ की रणनीतिक गतिविधियों के केंद्र बिंदु के रूप में उभर रहा है। मोहन भागवत से ठीक पहले सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले का यहाँ प्रवास करना इस बात का संकेत है कि संघ नेतृत्व गोरखपुर प्रांत में विस्तार की असीम संभावनाएं देख रहा है। यह दौरा शताब्दी वर्ष समारोहों के लिए जमीन तैयार करने और संघ के विचारों की जड़ें समाज के हर वर्ग में गहरी करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।


