क्राइम

तीन लाख के लिए बहन का कातिल बना भाई, लाश को बोरे में भरकर 70KM तक बाइक पर घूमता रहा

तीन लाख के लिए बहन का कातिल बना भाई, लाश को बोरे में भरकर 70KM तक बाइक पर घूमता रहा

गोरखपुर: गोरखनाथ थाना क्षेत्र से सामने आए नीलम निषाद हत्याकांड ने रिश्तों को शर्मसार कर दिया है। 19 वर्षीय युवती नीलम निषाद की हत्या उसके सगे भाई राम आशीष निषाद ने महज तीन लाख रुपये के लिए कर दी। यह धनराशि नीलम की शादी के लिए रखी गई थी। हत्या के बाद आरोपी भाई ने शव को एक बोरे में बंद किया और लगभग 70 किलोमीटर दूर कुशीनगर के गन्ने के खेत में फेंक दिया। पुलिस ने गहन जांच के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जिसने अपना जुर्म कबूल कर लिया है।

सिर्फ 3 लाख रुपये बनी बहन की मौत की वजह

विवाद की जड़ में जमीन अधिग्रहण के मुआवजे में मिले पांच लाख रुपये थे। यह कोई अचानक हुआ झगड़ा नहीं था; सूत्रों के अनुसार, तीन साल पहले जबसे यह मुआवजा मिला था, तभी से परिवार में तनाव का माहौल था। परिवार ने आपसी सहमति से इस राशि में से तीन लाख रुपये 19 वर्षीय नीलम निषाद की शादी के लिए अलग रखे थे। यह रकम नीलम के भविष्य के सपनों को पूरा करने के लिए थी, लेकिन यही उसके भाई राम आशीष निषाद की आंखों में चुभने लगी। पिता चिंकू निषाद के अनुसार, राम आशीष खुद के लिए इन तीन लाख रुपये की मांग कर रहा था। जब परिवार ने उसे पैसे देने से इनकार कर दिया, तो वह अपनी ही बहन का दुश्मन बन बैठा और उसे बार-बार जान से मारने की धमकियां देने लगा।

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यह सोचना भी भयावह है कि जिस पैसे से एक बहन के घर बसने का सपना देखा जा रहा था, वही उसकी मौत का कारण बन गया। यह घटना दिखाती है कि कैसे लालच ने एक भाई की आंखों पर ऐसी पट्टी बांध दी कि उसे अपनी बहन की जिंदगी की कोई कीमत नजर नहीं आई। यह सिर्फ पैसों का विवाद नहीं था, बल्कि रिश्तों और भावनाओं का सरेआम कत्ल था। इस अपराध की भयावहता सिर्फ हत्या तक ही सीमित नहीं रही, बल्कि इसके बाद जो हुआ वह और भी खौफनाक था।

70 किलोमीटर का खौफनाक सफर: बाइक पर बोरे में बहन की लाश

घर में उसने पहले कपड़े के टुकड़े से अपनी बहन का गला घोंटा और फिर क्रूरता की सारी हदें पार करते हुए उसके हाथ-पैर तोड़ दिए, ताकि शव को आसानी से एक बोरे में भरा जा सके। इसके बाद शुरू हुआ अपराध को छिपाने का एक लंबा और खौफनाक सफर। वह अपनी मोटरसाइकिल पर बहन की लाश से भरा बोरा लादकर गोरखपुर से करीब 70 किलोमीटर दूर कुशीनगर के लिए निकल पड़ा, ताकि शव को एक गन्ने के खेत में फेंककर सारे सबूत मिटा सके। इस 70 किलोमीटर के रास्ते में बोरा कई बार बाइक से नीचे गिरा, जिसे वह हड़बड़ी में उठाकर फिर से बाइक पर रखता और आगे बढ़ जाता। जब रास्ते में कुछ लोगों ने उसे टोका और पूछा कि बोरे में क्या है, तो उसने बड़ी सफाई से झूठ बोला कि वह गेहूं ले जा रहा है।

अपनी ही बहन के हाथ-पैर तोड़ना यह दिखाता है कि उसका दिमाग किस हद तक सुन्न हो चुका था। यह केवल हत्या का मामला नहीं था, बल्कि एक शव के साथ की गई बर्बरता थी, जो एक योजनाबद्ध और ठंडे दिमाग से किए गए अपराध की ओर इशारा करती है। हालांकि, उसने शव को मीलों दूर छिपाने की पूरी कोशिश की, लेकिन उसकी हर हरकत एक ऐसी आंख देख रही थी जो कभी नहीं झपकती।

एक CCTV फुटेज ने खोल दिया सारा राज

पुलिस की जांच को तब दिशा मिली जब एक स्थानीय महिला, सुदामी देवी ने पुलिस को बताया कि उन्होंने राम आशीष को एक संदिग्ध बोरा ले जाते हुए देखा था। इस सूचना के आधार पर, पुलिस ने आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगालनी शुरू की। जल्द ही, पुलिस को वह फुटेज मिल गया जिसमें राम आशीष अपनी बाइक पर बोरा ले जाते हुए और उसके गिरने पर उसे हड़बड़ी में उठाते हुए साफ-साफ कैद हो गया था।

शुरुआत में, जब पुलिस ने राम आशीष को हिरासत में लेकर पूछताछ की, तो वह झूठ बोलकर उन्हें गुमराह करता रहा और बताया कि वह तो कुशीनगर के कप्तानगंज में अपनी पत्नी के पास गया था। लेकिन जब पुलिस ने उसके सामने यह अकाट्य वीडियो सबूत रखा, तो वह टूट गया और उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया।

शहर के एसपी, अभिनव त्यागी ने इस मामले की पुष्टि करते हुए बताया, “सीसीटीवी फुटेज और अन्य साक्ष्यों से आरोपी की संलिप्तता की पुष्टि हुई है। पूछताछ में उसने बहन की हत्या की बात स्वीकार कर ली है। शव को बोरे में भरकर कुशीनगर के गन्ने के खेत में फेंका गया था। इसे बरामद कर लिया गया है।”

यह विडंबना ही है कि तकनीक के इस युग में, जहां हर कोने में कैमरे लगे हैं, ऐसे जघन्य अपराध को छिपाना लगभग असंभव हो गया है। एक साधारण सुरक्षा कैमरे ने नीलम को न्याय दिलाने की कुंजी के रूप में काम किया और एक भाई के क्रूर झूठ का पर्दाफाश कर दिया।


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Siddhartha Srivastava

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Siddhartha Srivastava का आज, राष्ट्रीय सहारा, अमर उजाला, हिंदुस्तान, दैनिक जागरण जैसे हिंदी अखबारों में 18 साल तक सांस्थानिक पत्रकारिता का अनुभव है. वर्तमान में स्वतंत्र पत्रकारिता. email:- siddhartha@gogorakhpur.com | 9871159904.

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