यूपी प्रयागराज

चित्रकूट ट्रेजरी घोटाला: मुख्य आरोपी संदीप की पुलिस हिरासत में मौत, प्रशासन पर उठे गंभीर सवाल

चित्रकूट ट्रेजरी घोटाला: मुख्य आरोपी संदीप की पुलिस हिरासत में मौत, प्रशासन पर उठे गंभीर सवाल

प्रयागराज: चित्रकूट के बहुचर्चित 43.13 करोड़ रुपये के ट्रेजरी घोटाले के मुख्य आरोपी संदीप श्रीवास्तव की रविवार को इलाज के दौरान मौत हो गई। यह घटना इलाहाबाद मेडिकल कॉलेज में हुई, जहां उसे पुलिस हिरासत में तबीयत बिगड़ने के बाद भर्ती कराया गया था। संदीप को पूछताछ के लिए कोतवाली लाए जाने और 24 घंटे से अधिक समय तक बिना वारंट हिरासत में रखने के बाद यह घटनाक्रम सामने आया है, जिसने पुलिस और प्रशासनिक भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

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पुलिस हिरासत और इलाज का घटनाक्रम

सूत्रों के अनुसार, पुलिस संदीप श्रीवास्तव को दो दिन पहले पूछताछ के लिए कोतवाली लाई थी। शनिवार शाम को कोतवाली के अंदर ही अचानक संदीप की तबियत बिगड़ गई। हालत गंभीर होने पर उसे तुरंत कर्वी स्थित जिला चिकित्सालय लाया गया। वहां सीएमओ, सीएमएस और अपर पुलिस अधीक्षक की उपस्थिति में उसे प्राथमिक उपचार दिया गया, लेकिन स्थिति में सुधार न होने पर उसे मेडिकल कॉलेज इलाहाबाद रेफर कर दिया गया। रविवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

पुलिस और प्रशासनिक भूमिका पर गंभीर सवाल

संदीप श्रीवास्तव की पुलिस हिरासत में मौत के बाद पुलिस अधीक्षक (SP) और जिलाधिकारी (DM) दोनों की भूमिका पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि पुलिस ने आरोपी को किसी भी मजिस्ट्रेट के आदेश या लिखित अनुमति के बिना 24 घंटे से अधिक समय तक कोतवाली में क्यों रखा था। कानून के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को बिना वारंट 24 घंटे से अधिक पुलिस हिरासत में नहीं रखा जा सकता।

मामले को दबाने की कोशिश का संदेह

मामले को प्रशासनिक स्तर पर दबाने की कोशिश का संदेह भी गहरा रहा है। यह जानकारी सामने आई है कि जिला चिकित्सालय में संदीप को भर्ती कराने की प्रक्रिया पुलिस के बजाय आरोपी के भाई के माध्यम से पूरी कराई गई थी। इस कदम ने प्रशासनिक अधिकारियों की मंशा पर संदेह पैदा कर दिया है।

पुलिस अधीक्षक ने हालांकि दावा किया है कि संदीप को केवल पूछताछ के लिए बुलाया गया था और उसे हिरासत में नहीं रखा गया था। लेकिन, उनकी यह सफाई घटनाक्रम से मेल नहीं खाती है। यदि संदीप हिरासत में नहीं था, तो उसकी तबीयत कोतवाली में क्यों बिगड़ी, और उसे अस्पताल पहुंचाने की जिम्मेदारी पुलिस की क्यों रही? इस पूरे घटनाक्रम में न्यायिक जांच की मांग उठ रही है।


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Siddhartha Srivastava

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Siddhartha Srivastava का आज, राष्ट्रीय सहारा, अमर उजाला, हिंदुस्तान, दैनिक जागरण जैसे हिंदी अखबारों में 18 साल तक सांस्थानिक पत्रकारिता का अनुभव है. वर्तमान में स्वतंत्र पत्रकारिता. email:- siddhartha@gogorakhpur.com | 9871159904.

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