सिद्धार्थनगर: सिद्धार्थनगर जनपद के इटवा विकासखंड में एक हृदय विदारक घटना सामने आई है, जहां एक सरकारी शिक्षक ने खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) की कथित प्रताड़ना और मानसिक उत्पीड़न से तंग आकर जहर खा लिया। बुधवार रात 8 बजे हुई इस घटना के बाद शिक्षक को गंभीर हालत में मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया है, जहां उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई है।
पीड़ित शिक्षक ने BEO पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें दो महीने का वेतन रोकने, अनावश्यक दबाव डालने और जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने जैसी बातें शामिल हैं। शिक्षक के साथियों ने बताया कि वेतन रोके जाने के कारण वह लंबे समय से आर्थिक संकट से जूझ रहे थे, जिसके चलते उन्होंने यह आत्मघाती कदम उठाया। घटना की सूचना मिलते ही विभाग में हड़कंप मच गया है।
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यह मामला इटवा विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय भदोखर भदोखरी से जुड़ा है, जहां शौकेंद्र गौतम 3 सितंबर, 2016 से शिक्षक के पद पर तैनात हैं। जहर खाने से पहले शिक्षक ने खंड शिक्षा अधिकारी के साथ हुई वॉट्सऐप चैट सार्वजनिक करते हुए उन पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। शौकेंद्र गौतम ने कहा कि पिछले कई महीनों से इटवा के BEO उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहे थे।
शिक्षक के अनुसार, उन पर भनवापुर, डुमरियागंज और इटवा बुलाकर रजिस्टर, बच्चों के आधार कार्ड और ऑनलाइन कार्यों को लेकर अनावश्यक दबाव डाला जा रहा था। सबसे गंभीर आरोप यह है कि BEO उनके साथ जातिसूचक शब्दों का प्रयोग कर रहे थे। उत्पीड़न की शिकायतें उच्च अधिकारियों से भी की गई थीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
शिक्षक शौकेंद्र गौतम के साथियों ने जानकारी दी कि BEO द्वारा पिछले दो महीनों से उनका वेतन रोक रखा गया था, जिसके कारण वह आर्थिक संकट से जूझ रहे थे। शौकेंद्र गौतम का परिवार (पत्नी और दो बच्चे) बागपत में रहते हैं, जबकि वह सिद्धार्थनगर में किराए के कमरे में अपने साथियों के साथ रह रहे थे।
प्राथमिक शिक्षक संघ इटवा के ब्लॉक अध्यक्ष कणुलेश मौर्य ने इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि वेतन रोके जाने की शिकायत लिखित रूप से भी की गई थी, लेकिन अधिकारी लगातार उत्पीड़न कर रहे थे। उन्होंने कहा कि BEO की प्रताड़ना से तंग आकर ही शौकेंद्र ने यह कदम उठाया।
घटना की जानकारी मिलते ही बेसिक शिक्षा अधिकारी शैलेश कुमार मेडिकल कॉलेज पहुंचे और शिक्षक का हाल जाना। उन्होंने बताया कि शिक्षक की स्थिति गंभीर है। उन्होंने आश्वस्त किया कि जब शिक्षक बोलने की स्थिति में आएंगे, उनका बयान लिया जाएगा और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना पर राजनीतिक प्रतिक्रिया भी सामने आई है। पूर्व विधायक और समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष लाल यादव ने सरकार और विभाग पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार पूरी तरह जिम्मेदार है। उन्होंने शिक्षकों पर अतिरिक्त बोझ डालने से मानसिक तनाव बढ़ने की बात कही। शिक्षक संगठनों ने इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच और दोषी अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।