Last Updated on September 27, 2025 6:46 PM by गो गोरखपुर ब्यूरो
गोरखपुर: महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष और पूर्वांचल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. उदय प्रताप सिंह (यूपी सिंह) का शनिवार सुबह निधन हो गया। वह 92 वर्ष के थे और पिछले कुछ महीनों से अस्वस्थ चल रहे थे। अध्यापन के क्षेत्र में आने के बाद से ही उनका पूरा जीवन गोरक्षपीठ और महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद को समर्पित रहा। प्रो. सिंह ने अपने पीछे दो पुत्रों— दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. वीके सिंह और यूपी कॉलेज के आचार्य प्रो. राजीव कृष्ण सिंह का परिवार छोड़ा है। गणित विषय के विद्वान प्रो. सिंह ने गोरक्षपीठ के लगातार तीन पीठाधीश्वरों के सानिध्य में कार्य किया और अपनी विद्वता, कर्मठता और सांगठनिक कौशल से शिक्षा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान दिया। उनका अंतिम संस्कार रविवार (28 सितंबर) को राजघाट पर होगा, जिसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित रहेंगे।
प्रो. यूपी सिंह का शैक्षिक और समर्पित जीवन
मूल रूप से गाजीपुर जिले के निवासी प्रो. यूपी सिंह उन चुनिंदा लोगों में शामिल थे, जिन्हें गोरक्षपीठ के लगातार तीन पीठाधीश्वरों – महंत दिग्विजयनाथ, महंत अवेद्यनाथ और वर्तमान पीठाधीश्वर व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ – के सानिध्य में कार्य करने का अवसर मिला। गणित विषय के विद्वान रहे स्वर्गीय सिंह की बतौर शिक्षक पहली नियुक्ति गोरक्षपीठ के तत्कालीन पीठाधीश्वर महंत दिग्विजयनाथ ने एमपी शिक्षा परिषद के महाराणा प्रताप महाविद्यालय में की थी। जब गोरखपुर विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए यह महाविद्यालय दान में दिया गया, तब प्रो. सिंह विश्वविद्यालय में गणित के शिक्षक हो गए।
पूर्वांचल विश्वविद्यालय के कुलपति और शिक्षा परिषद की सेवा
अपने लम्बे शैक्षिक सेवा यात्रा में प्रो. यूपी सिंह ने बाद में पूर्वांचल विश्वविद्यालय जौनपुर के कुलपति के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं। महंत दिग्विजयनाथ के स्मृतिशेष होने के बाद, उन्होंने गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ के मार्गदर्शन में एमपी शिक्षा परिषद की सेवा की। उनकी यह सेवा-साधना वर्तमान गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सानिध्य में भी जीवन भर जारी रही। उन्हें उनकी विद्वता, कर्मठता के साथ-साथ उनके सांगठनिक कौशल के लिए भी विशेष रूप से याद किया जाएगा।
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महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद और महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में महत्वपूर्ण भूमिका
प्रो. यूपी सिंह, डॉ. भोलेन्द्र सिंह के बाद वर्ष 2018 में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष बनाए गए और अंतिम सांस लेने तक इस पद पर बने रहे। अस्वस्थता के बावजूद भी, वह शिक्षा परिषद के कार्य-दायित्वों के निष्पादन और अध्ययन में निरंतर व्यस्त रहते थे। शिक्षा परिषद द्वारा वर्ष 2021 में जब महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर की स्थापना की गई, तो उन्हें इसका प्रति कुलाधिपति बनाया गया। प्रो. यूपी सिंह ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत संघचालक और विद्या भारती में भी विभिन्न महत्वपूर्ण पद दायित्वों का सफलतापूर्वक निर्वहन किया।
रविवार को राजघाट पर होगा अंतिम संस्कार, सीएम योगी रहेंगे मौजूद
प्रो. यूपी सिंह का अंतिम संस्कार रविवार (28 सितंबर) को पावन राप्ती नदी के राजघाट पर दिन में 12 बजे से होगा। इस अवसर पर गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी प्रो. सिंह को अंतिम विदाई देने के लिए उपस्थित रहेंगे।