Last Updated on September 23, 2025 11:57 AM by गो गोरखपुर ब्यूरो
सीतापुर के जंगल से गोरखपुर चिड़ियाघर लाई गई 8 साल की बाघिन को शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान में क्वारंटीन किया गया है। चिड़ियाघर प्रशासन उसकी सेहत और गतिविधियों पर कैसे नजर रख रहा है।
गोरखपुर: सीतापुर से गोरखपुर लाई गई बाघिन को शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान में क्वारंटीन किया गया है। जंगल से सीधे आने के कारण उसका व्यवहार थोड़ा आक्रामक है और वह अपने कीपर को देखकर दहाड़ रही है। चिड़ियाघर प्रशासन उसकी हर गतिविधि पर कड़ी नजर रखे हुए है, ताकि वह जल्द से जल्द नए माहौल में ढल सके।
शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणी उद्यान में बाघिन के लिए विशेष व्यवस्था की गई है। चिड़ियाघर के उप निदेशक और मुख्य वन्यजीव चिकित्सक डॉ. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि बाघिन पूरी तरह स्वस्थ है और उसकी उम्र लगभग 8 साल है। उसे आइसोलेशन वार्ड में क्वारंटीन में रखा गया है। जंगल से सीधे आने की वजह से उसका व्यवहार थोड़ा आक्रामक हो गया है। चिड़ियाघर के कर्मचारी उसकी गतिविधियों पर लगातार नजर रख रहे हैं और उम्मीद है कि वह एक-दो दिन में यहां के माहौल में पूरी तरह ढल जाएगी।
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डॉ. योगेश ने बताया कि बाघिन सामान्य से थोड़ी कम खुराक ले रही है, जो कि नई जगह पर आने वाले जानवरों में आम बात है। उन्होंने कहा कि एक से दो दिनों में यह ठीक हो जाएगा और वह सामान्य रूप से खाना शुरू कर देगी। चिड़ियाघर के डॉक्टर उसकी हर गतिविधि की रिपोर्ट तैयार कर रहे हैं, ताकि उसकी सेहत और व्यवहार में होने वाले हर छोटे-बड़े बदलाव को रिकॉर्ड किया जा सके। व्यवहार सामान्य होने के बाद उसे क्रॉल में शिफ्ट कर दिया जाएगा।
यह बाघिन सीतापुर जिले की महोली तहसील के नरनी गांव के पास से पकड़ी गई है। दरअसल, उस क्षेत्र में बाघों की संख्या वहां की क्षमता से अधिक हो गई थी। इसी कारण शुक्रवार देर रात वन विभाग की टीम ने बाघिन को ट्रैंकुलाइज कर पकड़ा। उसे पकड़ने के बाद इलसिया वन उद्यान में ले जाया गया, जहां उसका चिकित्सकीय परीक्षण किया गया। स्वस्थ पाए जाने के बाद उसके गोरखपुर स्थानांतरण की मंजूरी दी गई। शनिवार शाम को वन विभाग की टीम बाघिन को लेकर गोरखपुर के लिए रवाना हुई और रविवार को उसे सुरक्षित प्राणी उद्यान पहुंचाया गया।