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शिक्षा का असली अर्थ आचरण में दिखाई देता है: वीसी

शिक्षा का असली अर्थ आचरण में दिखाई देता है: वीसी

हिंदी विभाग में बसंत पंचमी एवं निराला जयंती समारोह का आयोजन

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शिक्षा का असली अर्थ आचरण में दिखाई देता है: वीसी
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Gorakhpur: गोरखपुर के दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में बसंत पंचमी और निराला जयंती के अवसर पर एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया. इस समारोह में कई साहित्यिक हस्तियों ने शिरकत की और अपने विचार व्यक्त किए.

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन ने हिंदी विभाग की सराहना करते हुए कहा कि शिक्षा का असली अर्थ आचरण में दिखाई देता है. उन्होंने विद्यार्थियों के आत्मविश्वास और गुणवत्ता की प्रशंसा की. मुख्य अतिथि प्रोफेसर चितरंजन मिश्र ने सूर्यकांत त्रिपाठी निराला को अपने समय की आवाज बताया और कहा कि साहित्य व्यक्ति को सीमाओं से मुक्त करता है. प्रोफेसर राजवंत राव ने निराला को भारत-बोध के रचनाकार बताते हुए कहा कि उनकी कविता रूढ़ियों के खिलाफ आवाज उठाती है.

हिंदी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर कमलेश कुमार गुप्त ने निराला को वासंतिक चेतना का साहित्यकार बताया. इस अवसर पर दीवार पत्रिका ‘सृजन’ का लोकार्पण किया गया और विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया. विद्यार्थियों ने निराला की कविताओं का गायन किया और प्रोफेसर विमलेश कुमार मिश्र ने निराला की ग़ज़ल प्रस्तुत की.

यह समारोह हिंदी विभाग में कई दिनों से चल रहे कार्यक्रमों का समापन था. इस दौरान ‘लेखक से मिलिए’ कार्यक्रम के अंतर्गत प्रोफेसर जितेंद्र श्रीवास्तव और प्रोफेसर हितेंद्र मिश्र भी उपस्थित रहे. कार्यक्रम का संचालन डॉ सुनील कुमार ने किया और आभार ज्ञापन डॉ. राजेश मल्ल ने किया.

इस अवसर पर हिंदी विभाग के कई वरिष्ठ आचार्य और विद्यार्थी उपस्थित रहे.

प्रिया श्रीवास्तव

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दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में परास्नातक. गोगोरखपुर.कॉम के लिए हेल्थ, सिनेमा, टेक और फाइनेंस बीट पर रिसर्च करती हैं. 'लिव ऐंड लेट अदर्स लिव' की फिलॉसफी में गहरा यकीन.

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