Kushinagar: कुशीनगर जिले में पराली जलाने की घटनाओं पर जिला प्रशासन ने कठोर कदम उठाए हैं. जिले में अब तक पराली जलने की 56 घटनाएं रिपोर्ट में आई हैं जिस पर हाटा तहसील के 39 किसानों, कसया तहसील के 19 किसानों और कप्तानगंज तहसील के दो किसानों पर जुर्माना लगाया गया है.
जिलाधिकारी द्वारा राजस्व एवं कृषि विभाग के अधिकारियों को पराली जलाने की घटना के संबंध में कार्यवाही करने में शिथिलता न बरतने के निर्देश दिए गए हैं. स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम या पराली प्रबंधन के यंत्र के बिना धान कटाई कर रहे कंबाइन हार्वेस्टरों को तत्काल सीज़ करने के निर्देश दिए गए हैं.
जिलाधिकारी ने किसानों से उन्नतशील कृषि यंत्रों जैसे मल्चर, रोटरी स्लैशर, स्ट्रा रीपर एवं पैडी स्ट्रा चॉपर आदि का प्रयोग करते हुए तेहुए पराली का उपयोग खेत में ही करने का अनुरोध किया है. जिन गांवों में एक से अधिक घटनाएं प्रकाश में आई हैं, उनके प्रधानों को भी कठोर निर्देश जारी किए गए हैं कि वे अपने क्षेत्र में पराली जलाने पर अंकुश लगाएं.
कृषि विभाग द्वारा पराली प्रबंधन हेतु बायो डीकंपोजर की व्यवस्था की गई है. इसका वितरण राजकीय बीज भंडारों के माध्यम से किसानों को निःशुल्क कराया जा रहा है. इसके अलावा गांव में डुग्गी- मुनादी एवं प्रचार वाहनों के माध्यम से पराली ना जलाने की अपील की जा रही है.
उप कृषि निदेशक आशीष कुमार ने किसानों से अपील की है गेहूं की बुवाई सीधे सुपरसीडर के माध्यम से करें और पराली को खेत में ही दबाकर खाद बनाएं. किसी भी हाल में पराली न जलाएं.
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