GO GORAKHPUR: महराजगंज में बिजली विभाग के दफ्तर में आग लगने की घटना में दो लिपिक दोषी पाए गए हैं. फौरी कार्रवाई में दो लिपिकों को निलंबित कर दिया गया है. तीनों एसडीओ से स्पष्टीकरण मांगा गया है. गौरतलब है कि बिल में सुधार के नाम पर बकाया रकम उड़ाने की शिकायत पर यहां स्पेशल ऑडिट होनी थी. इससे पहले दफ्तर में आग लगने की घटना के कारणों पर किसी को भरोसा नहीं हो रहा था. इसे संदेह की नजर से देखा गया. जांच में प्रथम दृष्टया पांच विभाग के पांच लोग दोषी पाए गए हैं.
महराजगंज में 132 केवी बैकुंठपुर ट्रांसमिशन बिजली घर के पास ही महराजगंज वितरण मण्डल का संयुक्त खंडीय कार्यालय है. वहीं पर विद्युत वितरण खंड प्रथम के एसडीओ प्रथम, एसडीओ परतावल व एसडीओ चौक बाजार के उपखंड अधिकारी बैठते हैं. इतना ही नहीं तीनों उपखंड क्षेत्र के उपभोक्ता बिल संशोधन कराकर भुगतान भी करते हैं. हर रोज की तरह 14 व 15 जून की शाम कर्मचारी कार्यालय समय समाप्त होने के बाद ताला बंद कर घर चले गए. आधी रात को कार्यालय से धुआं निकलता देख वर्कशाप का गार्ड पास स्थित बिजली कर्मचारी आवास पर पहुंचा. कार्यालय से धुआं निकलने की जानकारी दी. सूचना पर आनन-फानन में आधी रात को ही बिजली अधिकारियों का जमावड़ा हो गया. फायर बिग्रेड की सूचना दी. जब तक फायर बिग्रेड की टीम पहुंची, तब तक सभी अभिलेख जल गए. आग बुझने पर अकारी व कर्मचारी अंदर का मंजर देख आवाक हो गए. सभी अभिलेख जला देख होश उड़ गए. कार्यालय लिपिक गुलाब चंद साहनी ने बताया कि आगलगी में बिल रीविजन फाइल, डिस्पैच रजिस्टर, रिकार्ड फाइल, आरटू फाइल, आलमारी और कंप्यूटर के सभी केबल जल गए.
बिल सुधार की होनी थी स्पेशल ऑडिट: महराजगंज वितरण खण्ड के तीनों उपखण्डों में बिल सुधार के नाम पर बकाया उड़ाने के मामलें की घुघली एसडीओ ने शिकायत की. उसकी जांच के बाद एक्सईएन, एसडीओ समेत तीन लिपिकों के खिलाफ निलम्बन की कार्रवाई हुई. इसके बाद जोन के सीई ने खण्ड के स्पेशल ऑडिट की संस्तुति की. जून में पहले सप्ताह में कारपोरेशन ने खण्ड की स्पेशल ऑडिट कराने के लिए तीन सदस्यीय टीम की घोषणा की. टीम की घोषणा के सप्ताहभर बाद ही एक्सईएन समेत तीन एसडीओ के कायालय में आग लगने की घटना होने से अधिकारी सकते में आ गए. चेयरमैन ने इस घटना की जांच रिपोर्ट भी 19 जून को तलब कर ली.
जांच टीम ने लिपिकों को दोषी ठहराया : एसई के मुताबिक जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि रिकॉर्ड रूम में उपलब्ध आलमारी में पर्याप्त जगह होने के बावजूद अभिलेख खुले विद्युत बोर्ड के ठीक नीचे मेज के उपर लावारिश तरीके से रखे गए थे. ऐसे में दोनों लिपिक गुलाब चंद साहनी व अतुल कुमार यादव को कदाचार का दोषी पाया गया है. इसके साथ ही तीनों एसडीओ के बारे में जांच टीम अपनी आख्या में लिखा है कि तीनों एसडीओ का कार्यालय एक ही कमरे में संचालित होना और अव्यवस्थित तरीके से अभिलेख के रख-रखाव में पर्यवेक्षणीय शिथिलता के दोषी मिले हैं.
मुख्य अभियंता गोरखपुर जोन ई. आशु कालिया ने मीडिया को बताया कि पांच अभियंता व कर्मचारी दोषी पाए गए हैं. दो लिपिकों के खिलाफ एसई ने निलम्बन की कार्रवाई करने के साथ ही तीनों एसडीओ से सात दिन में स्पष्टीकरण तलब किया है. उनका जवाब मिलने के बाद आगे की कार्रवाई होगी.