Go Gorakhpur: नगर निगम के परिसीमन से जहां शहरवासी खुश हैं वहीं पार्षदों का सिरदर्द बढ़ गया है. उन्हें यह चिंता सताए जा रही है कि कहीं उनके कोर वोटर वाला इलाका किसी दूसरे वार्ड में तो नहीं चला गया. शासन से नगर निगम के परिसीमन को मंजूरी मिलने की खबर आम होने के बाद से ही पार्षदों की बेचैनी बढ़ सी गई है. इस बेचैनी की बड़ी वजह यह भी है कि कुछ ही महीनों में नगर निगम के चुनाव घोषित होने वाले हैं. ऐसे में अगर वार्ड के भूगोल में कुछ भी बदलाव हुआ तो नए वोटरों के साधने में मौजूदा पार्षदों और नए प्रत्याशियों, दोनों को मुश्किल आएगी.
वार्डों के परिसीमन के वाद बड़ी संख्या में पहुंचे पार्षदों और भावी प्रत्याशियों ने अपने-अपने वार्ड की सीमा की जानकारी हासिल करने में जुटे रहे. पिछले कार्य दिवस पर उप नगर आयुक्त का कार्यालय पूरा दिन भरा रहा है. नगर निगम पहुंचे अधिकांश पार्षदों व भावी प्रत्याशियों ने सबसे पहले वार्डों के मैप की डिमांड की. अधिकांश पार्षद वार्डों में मोहल्लों के आंशिक तौर पर शामिल होने से असमंजस में रहे. वार्ड की सीमा को लेकर सर्वाधिक परेशानी चौहद्दी से हो रही है. कई वार्डों की चौहद्दी को गलत होने का दावा भी किया गया. हालांकि नगर निगम प्रशासन ने चौहद्दी गलत होने से इनकार करते हुए कहा कि समझने में चूक होने से कुछ लोग ऐसा दावा कर रहे हैं. जिन वार्डों में मोहल्लों को शिफ्ट किया गया है वहां के पार्षद सर्वाधिक कार्य कराए गए मोहल्लों की जानकारी लेने में जुटे रहे हैं. उप नगर आयुक्त ने पार्षदों व भावी पार्षदों को जानकारी उपलब्ध कराई.
निगम परिसर में सोमवार को लगेगी मैप की फोटो कापी: वार्डों के परिसीमन से जुड़े मैप को देखने के लिए निगम परिसर में व्यवस्था की जा रही है. सोमवार को मैप की फोटो कापी कराकर लगाई जाएगी जिससे लोगों को वार्डों की सीमा जानने में सहूलियत होगी. साथ ही लोगों की आशंकाओं का भी समाधान होगा.
शुरू होगा ओबीसी का रैपिड सर्वे :परिसीमन के वाद नगर निगम प्रशासन ने अब ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के रैपिड सर्वे की तैयारी तेज कर दी है. वार्डों में ओबीसी का रैपिड सर्वे कराने के लिए पांच सौ से अधिक कर्मचारी लगाए जाएंगे. जल्द ही इसकी ट्रेनिंग भी शुरू कर दी जाएगी. सर्वे पूरा होने के वाद वार्डों के आरक्षण की प्रक्रिया शुरू होगी. परिसीमन के बाद पार्षदों व भावी प्रत्याशियों की धड़कन अब वार्डों के आरक्षण को लेकर बढ़ गई है. शनिवार को कई ने नगर आयुक्त व उपनगर आयुक्त से मुलाकात कर वार्डों के आरक्षण की स्थिति जानने का प्रयास किया.