GO GORAKHPUR: बीमा कंपनियों की आनाकानी के खिलाफ जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग ने बड़ा फैसला दिया है. दो अलग-अलग मामलों में फैसला आने में छह से सात साल लग गए लेकिन उपभोक्ताओं अंतत: राहत मिली. आयोग ने एक मामले में नेशनल इंश्योरेंस कंपनी तो दूसरे मामले में न्यू इण्डिया इंश्योरेंस के खिलाफ फैसला दिया है.
केस 1 : बीमा धनराशि ब्याज के साथ देने का आदेश
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश अस्थाना एवं सदस्य कृष्णानंद मिश्र व सुधा उपाध्याय ने कोलकाता के 3 मिडलटन स्ट्रीट स्थित नेशनल इंश्योरेंस कंपनी के विरुद्ध निर्णय दिया कि वह परिवादिनी मीना देवी को बीमा की धनराशि एक लाख रुपए आठ प्रतिशत वार्षिक व्याज की दर से भुगतान करें. इसके अतिरिक्त 25 हजार रुपए बतौर क्षतिपूर्ति एवं वाद व्यय के रूप मे प्रदान करें. आयोग के समक्ष कोतवाली थाना क्षेत्र के दुर्गाबाड़ी चौक निवासी परिवादिनी मीना देवी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता रामनारायण द्विवेदी का कहना था कि परिवादिनी के पुत्र मनीष कुमार ने मेसर्स एमवी मोटर्स से एक मोटर साइकिल हीरो स्पेलेंडर 11 जनवरी, 2016 क्रय की थी. उस पर स्कीम के तहत एक वर्ष में दुर्घटना में मृत्यु होने पर एक लाख रुपए का निजी दुर्घटना बीमा भी शामिल था. परिवादिनी का पुत्र मनीष कुमार लेवर का काम करता था. 18 जनवरी 2016 को एक गाड़ी पर माल उतारने व लादने के लिए वह कानपुर गया. वापस आते समय फैजाबाद के मुमताज नगर में कुमारी चंद्रावती महाविद्यालय के पास सड़क पर अचानक गाय आ जाने से उसकी गाड़ी पलट गई। इस दुर्घटना में मनीष को काफी चोटें आईं. मनीष का इलाज 18 जनवरी, 2016 से 3 फरवरी, 2016 तक चला और अंत में 6 फरवरी, 2016 को दुर्घटना में आई चोटों के कारण घर पर ही उसकी मृत्यु हो गई.
केस 2: वाहन स्वामी को क्षतिपूर्ति देने का आदेश
जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष चंद्रप्रकाश अस्थाना एवं सदस्य कृष्णानंद मिश्र ने दी न्यू इण्डिया इंश्योरेंस कम्पनी के विरुद्ध निर्णय दिया वह परिवादी भागीरथी पांडेय को उनके चोरी हुए वाहन की आईडीवी वैल्यू 3 लाख 87 हजार रुपये पर छह प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर से भुगतान करे. इसके अतिरिक्त 26 हजार रुपये बतौर क्षतिपूर्ति एवं वाद व्यय के रूप में भी प्रदान करे. आयोग के समक्ष शाहपुर थाना क्षेत्र के आरोग्य मंदिर शक्तिनगर कालोनी निवासी परिवादी भागीरथी पांडेय की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता ब्रिज विहारी लाल श्रीवास्तव एवं ऋषि श्रीवास्तव का कहना था कि परिवादी ने 23 मार्च, 2011 को एक महेंद्र बोलेरो जीप सरदार मोटर्स से 6 लाख 43 हजार 291 रुपये में क्रय की थी. वाहन का बीमा न्यू इण्डिया इंश्योरेंस कम्पनी से वर्ष 2014-15 में कराया था, जो 23 मार्च 2014 से 22 मार्च 2015 तक वैध था. 17 जून 2014 को परिवादी मोहद्दीपुर श्रीरामपुरम कालोनी अपने एक परिचित से मिलने गया था. उसी दिन रात करीब आठ बजे परिवादी का वाहन चोरी हो गया. इसकी सूचना परिवादी ने न्यू इण्डिया इंश्योरेंस कम्पनी को दी तथा कैंट थाने में मुकदमा भी दर्ज कराया. न्यू इण्डिया इंश्योरेंस कम्पनी द्वारा परिवादी के वाहन के क्लेम का भुगतान नहीं किया गया.