UPI यूजर्स के लिए राहत की खबर, पेमेंट हुआ फेल तो अब झटपट मिलेगा रिफंड, जानें कैसे

UPI यूजर्स के लिए NPCI ने नया चार्ज-बैक सिस्टम लागू किया। जानें कैसे फेल पेमेंट का रिफंड अब होगा तेज़ और आसान, इसके फायदे और क्या करें जब पेमेंट फंस जाए।
UPI Dispute Redressal Mechanism: यूपीआई (UPI) से पेमेंट करना आजकल हमारी रोजमर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा बन गया है। चाहे सब्जी खरीदना हो या ऑनलाइन शॉपिंग, यूपीआई एक क्लिक में पैसे ट्रांसफर कर देता है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि पेमेंट तो कट जाती है, पर सामने वाले तक पहुंचती नहीं। ऐसी स्थिति में पैसे वापस पाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती थी। अब इस परेशानी से निजात मिलेगी, क्योंकि नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने एक नया ‘चार्ज-बैक सिस्टम’ लागू किया है। यह नया सिस्टम कैसे काम करेगा और यूपीआई यूजर्स को इससे क्या फायदा होगा, आइए जानते हैं।
आखिर क्या है NPCI का चार्जबैक सिस्टम?
‘चार्ज-बैक’ का मतलब है जब कोई यूपीआई पेमेंट पूरा होने के बाद उसे वापस किया जाता है। ऐसा तब होता है जब पेमेंट में कोई गलती, धोखाधड़ी, या तकनीकी खराबी के कारण पैसा कट जाए, लेकिन प्राप्तकर्ता को मिले नहीं। ऐसी स्थिति में पैसा भेजने वाले (पेयर) का बैंक चार्ज-बैक प्रक्रिया शुरू करता है। यदि बैंक जांच के बाद मामला सही पाता है, तो ग्राहक को उसका पैसा वापस मिल जाता है।
क्यों बदले गए चार्ज-बैक के नियम?
दिसंबर 2023 में NPCI की एक रिपोर्ट में सामने आया कि कुछ लोग बार-बार यूपीआई चार्ज-बैक का दुरुपयोग कर रहे थे। कुछ यूजर्स एक ही महीने में 10 से ज्यादा बार या एक ही व्यक्ति के साथ पांच से ज्यादा बार चार्ज-बैक कर रहे थे। ऐसे मामलों में NPCI ने पहले सख्ती दिखाते हुए नियम लागू किए थे कि बार-बार चार्ज-बैक करने पर अगला रिफंड क्लेम रिजेक्ट कर दिया जाएगा। लेकिन इससे एक नई समस्या पैदा हुई – कई वास्तविक और सही शिकायतें भी इन नियमों की वजह से रिजेक्ट होने लगीं। इसी को देखते हुए, NPCI ने अब सिस्टम को और बेहतर बनाने का फैसला लिया है।
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नए चार्ज-बैक सिस्टम में क्या है बदलाव?
NPCI का नया चार्ज-बैक सिस्टम मौजूदा प्रणाली के साथ मिलकर काम करेगा। इसमें मुख्य बदलाव ये हैं:
- अब बैंक पुराने रिजेक्ट हुए मामलों को फिर से जांच सकते हैं।
- ग्राहक को बार-बार शिकायत करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
- बैंक खुद तय करेंगे कि कौन सा केस रिफंड के लायक है और खुद ही NPCI को इसकी रिपोर्ट भेजेंगे।
- बैंकों को NPCI से अलग से मंजूरी लेने की जरूरत नहीं होगी। इसका साफ मतलब है कि रिफंड अब तेजी से और कम परेशानी के साथ मिलेगा।
किसे-किसे होगा फायदा?
यह नया सिस्टम तीन स्तरों पर फायदा पहुंचाएगा:
1. यूजर्स को:
- जल्दी पैसा वापस मिलेगा।
- सही दावों पर रोक नहीं लगेगी।
- बार-बार बैंक जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
2. बैंकों को:
- NPCI की मंजूरी का इंतजार नहीं करना पड़ेगा।
- शिकायतों की संख्या कम होगी।
- ऑपरेशन में गति आएगी।
3. डिजिटल इंडिया को:
- यह नया सिस्टम पारदर्शिता और भरोसे को बढ़ाएगा।
- यूपीआई पर लोगों का विश्वास और मजबूत होगा।
ट्रांजैक्शन फेल होने पर क्या करें?
अगर आपका पैसा कट गया है, लेकिन सामने वाले तक पेमेंट नहीं पहुंची है, तो ये स्टेप्स फॉलो करें:
- तुरंत अपने बैंक या यूपीआई ऐप से संपर्क करें।
- ट्रांजैक्शन आईडी, तारीख, समय और यूपीआई आईडी की जानकारी दें।
- अगर समाधान न मिले, तो NPCI से शिकायत करें। आपके मुद्दे पर गौर किया जाएगा और उसे हल करने की कोशिश की जाएगी।
सिस्टम को और स्मार्ट बनाएगा NPCI
NPCI के मुताबिक, यूपीआई सिस्टम में धोखाधड़ी से निपटने के लिए स्मार्ट मॉनिटरिंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर आधारित ट्रैकिंग को बढ़ावा दिया जाएगा। इसी के तहत सामान्य यूजर्स और दुरुपयोग करने वालों में फर्क किया जा रहा है। यह नया चार्ज-बैक सिस्टम सामान्य यूजर्स को राहत देगा और फर्जी दावों पर भी लगाम लगाएगा, जिससे दोनों के बीच एक संतुलन बना रहेगा।
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