गोरखपुर: केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी का अब भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का उत्तर प्रदेश अध्यक्ष बनना लगभग तय माना जा रहा है। पार्टी सूत्रों और खबरों के मुताबिक, इस पद के लिए उन्होंने अकेले ही नामांकन किया है, जिससे उनकी ताजपोशी सुनिश्चित मानी जा रही है। यह खबर सामने आते ही बीजेपी कार्यकर्ताओं और उनके समर्थकों में खुशी का माहौल है और उनके घर पर जश्न का दौर शुरू हो गया है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बीजेपी ने पंकज चौधरी को सूबे की कमान सौंपकर पिछड़ी जाति को साधने के साथ ही समाजवादी पार्टी (सपा) के ‘पीडीए’ (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) समीकरण के खिलाफ एक बड़ा और सधा हुआ दांव खेला है।
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14 दिसंबर को 1 बजे होगी नए अध्यक्ष की घोषणा
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के केंद्रीय नेतृत्व ने ‘संगठन पर्व 2024-25’ के अंतर्गत उत्तर प्रदेश में प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव का आधिकारिक कार्यक्रम (Official Election Schedule) जारी कर दिया है। जारी अधिसूचना के अनुसार, चुनावी प्रक्रिया 12 दिसंबर 2025 से शुरू होकर 14 दिसंबर 2025 को परिणाम की घोषणा के साथ संपन्न होगी। इसी कार्यक्रम के तहत केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी का नामांकन दाखिल किया गया है, जिसके बाद 14 तारीख को उनकी ताजपोशी पर आधिकारिक मुहर लगना तय माना जा रहा है। यदि आवश्यकता पड़ी तो मतदान प्रक्रिया भी इसी दिन संपन्न होगी, लेकिन मौजूदा समीकरणों को देखते हुए मतदान की नौबत नहीं आएगी और पंकज चौधरी के नाम का औपचारिक एलान कर दिया जाएगा।
पीएम मोदी से खास जुड़ाव और शिक्षा
पंकज चौधरी की बीजेपी में निष्ठा और मजबूत राजनीतिक पकड़ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जुलाई 2023 में गोरखपुर आए थे, तो वे विशेष रूप से घंटाघर स्थित उनके आवास पर गए थे। वहां पीएम मोदी ने उनके परिवार के लोगों से आत्मीय मुलाकात की थी। पंकज चौधरी का जन्म 20 नवंबर 1964 को गोरखपुर के घंटाघर हरबंश गली स्थित घर में हुआ था। एक प्रतिष्ठित औद्योगिक घराने में जन्मे पंकज चौधरी ने अपनी स्कूली शिक्षा (12वीं तक) एमपी इंटर कॉलेज से पूरी की और उसके बाद गोरखपुर विश्वविद्यालय से स्नातक तक की पढ़ाई की।
पार्षद से केंद्रीय मंत्री तक का शानदार सफर
औद्योगिक पृष्ठभूमि से आने के बावजूद पंकज चौधरी ने जनसेवा के लिए राजनीति में कदम रखा। उनकी शुरुआत जमीनी स्तर से हुई; वे सबसे पहले नगर निगम गोरखपुर में पार्षद बने और अपनी कार्यकुशलता के दम पर डिप्टी मेयर के पद तक पहुंचे। 1991 में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के बैनर तले महाराजगंज लोकसभा सीट से चुनाव में ताल ठोकी और शानदार जीत दर्ज की। इसके बाद पंकज चौधरी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।
वे 1991, 1996 और 1998 में लगातार लोकसभा सदस्य बने। हालांकि, 1999 के लोकसभा चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा, लेकिन 2004 में उन्होंने फिर वापसी की और जीत दर्ज की। 2009 में पुनः हार मिली, लेकिन 2014 से मोदी लहर में वे लगातार जीतते आ रहे हैं। 2021 में उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में वित्त राज्य मंत्री बनाया गया और 2024 में जीत दर्ज करने के बाद वे पुनः मोदी मंत्रिमंडल में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री का पद संभाल रहे हैं।
जिला पंचायत में ‘अजेय खिलाड़ी’ है चौधरी परिवार
राजनीति के इस लंबे सफर में महाराजगंज की जिला पंचायत राजनीति में पंकज चौधरी ने खुद को एक ‘अजेय खिलाड़ी’ के रूप में स्थापित किया है। महाराजगंज जिला पंचायत के अस्तित्व में आते ही उनके बड़े भाई, उद्योगपति स्वर्गीय प्रदीप चौधरी प्रथम जिला पंचायत अध्यक्ष बने। उनके बाद पंकज चौधरी की माता उज्ज्वल चौधरी लगातार दो बार जिला पंचायत की अध्यक्ष रहीं।
स्थानीय राजनीति में उनका दबदबा ऐसा है कि जिस व्यक्ति के सिर पर पंकज चौधरी ने हाथ रख दिया, वह जिला पंचायत का अध्यक्ष बन गया। जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनावों में उनके समक्ष तमाम बाधाएं आईं, लेकिन विपक्ष में रहते हुए भी पंकज चौधरी ने अपनी रणनीतिक कुशलता से जिला पंचायत पर अपना कब्जा बरकरार रखा।
पंकज चौधरी – एक नज़र में
| विवरण | जानकारी |
| नाम | पंकज चौधरी |
| जन्म तिथि | 20 नवंबर, 1964 |
| जन्म स्थान | घंटाघर हरबंश गली, गोरखपुर |
| शिक्षा | स्नातक (गोरखपुर विश्वविद्यालय) |
| राजनीतिक शुरुआत | पार्षद एवं डिप्टी मेयर (गोरखपुर) |
| पहली लोकसभा जीत | 1991 (महाराजगंज) |
| सांसद कार्यकाल | 1991, 1996, 1998, 2004, 2014, 2019, 2024 |
| वर्तमान पद | केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री |
| जिला पंचायत प्रभाव | भाई (प्रथम अध्यक्ष), माता (दो बार अध्यक्ष) |
| पीएम मोदी का दौरा | जुलाई 2023 (पंकज चौधरी के आवास पर) |


