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उत्कृष्ट चिकित्सकीय सेवा से रोगियों को मिलेगी नई रोशनी: कुलपति

उत्कृष्ट चिकित्सकीय सेवा से रोगियों को मिलेगी नई रोशनी: कुलपति

महायोगी गोरखनाथ चिकित्सालय में नेत्र जांच शिविर में 228 मरीजों का परीक्षण

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उत्कृष्ट चिकित्सकीय सेवा से रोगियों को मिलेगी नई रोशनी: कुलपति
उत्कृष्ट चिकित्सकीय सेवा से रोगियों को मिलेगी नई रोशनी: कुलपति

Gorakhpur: गोरखपुर स्थित महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (GGIMS) द्वारा महायोगी गोरखनाथ चिकित्सालय में एक निशुल्क नेत्र जांच शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में 228 मरीजों की नेत्र जांच की गई और उन्हें उचित चिकित्सकीय सहायता प्रदान की गई।

शिविर का उद्घाटन महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुरिंदर सिंह, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. अनुराग श्रीवास्तव और नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. एपी त्रिपाठी ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर कुलपति प्रो. सुरिंदर सिंह ने कहा कि गरीब और जरूरतमंद लोगों को स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना समाज के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने बताया कि इस शिविर का मुख्य उद्देश्य लोगों को नेत्र स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना और मोतियाबिंद जैसी गंभीर बीमारियों का समय रहते इलाज करना है।

कुलपति ने बताया कि मोतियाबिंद एक ऐसी बीमारी है जिसमें आंखों का लेंस धुंधला हो जाता है, जिससे व्यक्ति की दृष्टि प्रभावित होती है। यह समस्या विशेष रूप से बुजुर्गों में अधिक देखी जाती है, लेकिन समय पर इलाज से इससे बचा जा सकता है। शिविर में आए मरीजों की जांच के बाद मोतियाबिंद से पीड़ित लोगों को ऑपरेशन की सलाह दी गई, जबकि अन्य मरीजों को निशुल्क दवाएं और आवश्यकतानुसार चश्मे प्रदान किए गए।

शिविर के दौरान डॉक्टरों ने मरीजों को आंखों की देखभाल के बारे में जागरूक किया। उन्होंने बताया कि नियमित नेत्र जांच और संतुलित आहार लेना आंखों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। साथ ही, उम्र बढ़ने के साथ आंखों की समस्याएं बढ़ना स्वाभाविक है, लेकिन इन्हें नियमित जांच और उचित इलाज से नियंत्रित किया जा सकता है।

इस शिविर में नेत्र टेक्नीशियन आकांक्षा शुक्ला, ओटी टेक्नीशियन शुभ पांडेय और लैब टेक्नीशियन सहित संबंधित स्टाफ ने मिलकर 228 मरीजों की नेत्र जांच की और निशुल्क दवाओं का वितरण किया।

अमित श्रीवास्तव

About Author

गोरखपुर विश्वविद्यालय और जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर से अध्ययन. अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक हिंदुस्तान के साथ करीब डेढ़ दशक तक जुड़े रहे. गोरखपुर शहर से जुड़े मुद्दों पर बारीक नज़र रखते हैं.

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