नेपाल ने दस साल बाद बढ़ाया माउंट एवरेस्ट पर आरोहण का शुल्क
Nepal raised Mount Everest climbing fee: माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई शुरू करने से पहले क्या शुल्क देना होता है? हम पर्वतारोहण के बारे में रुचि तो रखते हैं, लेकिन शायद इस सवाल का जवाब कम ही लोगों के पास हो. नेपाल अपने पर्वतारोहण उद्योग से अच्छी खासी कमाई करता है. अर्थव्यवस्था को गति देने वाले पर्वतारोहण पर्यटन के चलते माउंट एवरेस्ट पर गंदगी भी बढ़ रही है.
नेपाल ने अब इस पर्यटन से होने वाली कमाई बढ़ाने के साथ ही माउंट एवरेस्ट की स्वच्छता के लिए नये कदम उठाए हैं. माउंट एवरेस्ट पर चढ़ने के लिए परमिट शुल्क 36 प्रतिशत तक बढ़ाने का फैसला किया गया है. कहा जा रहा है कि यह कदम दुनिया की सबसे ऊंची चोटी पर कचरा फैलने से रोकने के लिए उठाए गए हैं. इसके साथ ही चढ़ाई की अवधि 75 दिनों से घटाकर 55 दिन कर दी गई है. नई दरें एक सितंबर 2025 से प्रभावी होंगी.
नये पर्वतारोहण नियमों के तहत वसंत ऋतु (मार्च-मई) में सामान्य दक्षिण मार्ग से एवरेस्ट पर चढ़ने वाले विदेशियों के लिए परमिट शुल्क मौजूदा 11,000 डॉलर प्रति व्यक्ति से बढ़ाकर 15,000 डॉलर कर दिया गया है. इसमें आखिरी बार संशोधन 1 जनवरी 2015 को हुआ था.
शरद ऋतु (सितंबर-नवंबर) के लिए चढ़ाई का शुल्क 5,500 डॉलर से बढ़ाकर 7,500 डॉलर कर दिया गया है. वहीं, सर्दियों (दिसंबर-फरवरी) और मानसून (जून-अगस्त) के लिए प्रति व्यक्ति परमिट शुल्क 2,750 डॉलर से बढ़कर 3,750 डॉलर हो गया है.
पर्यटन बोर्ड की निदेशक आरती न्यूपाने ने अपने बयान में कहा है कि इस संबंध में कैबिनेट का निर्णय पहले ही हो चुका है, हालांकि आधिकारिक घोषणा अभी बाकी है.