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बालापार ने दिया ‘नया गोरखपुर’ का साथ, जीडीए को मिली 123 एकड़ भूमि

बालापार ने दिया 'नया गोरखपुर' का साथ, जीडीए को मिली 123 एकड़ भूमि
  • 6 नवंबर को सर्वाधिक 62 किसानों ने जीडीए को रजिस्ट्री की भूमि
  • 03 करोड़ 35 लाख 70 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर मिल रहा भुगतान
बालापार ने दिया 'नया गोरखपुर' का साथ, जीडीए को मिली 123 एकड़ भूमि

Gorakhpur: नया गोरखपुर बसाने का योगी सरकार का सपना किसानों के सहयोग से धीरे-धीरे साकार हो रहा है. इस ड्रीम प्रोजेक्ट के लिए जीडीए किसानों को राजी करने में सफल हुआ है. यही वजह है कि किसान अब जमीन की रजिस्ट्री कराने में हिचक नहीं रहे हैं, बल्कि इसमें तेजी आई है. 6 नवंबर को सर्वाधिक 62 किसानों ने रजिस्ट्री की. जीडीए को अब तक किसानों से 123 एकड़ से अधिक भूमि मिल चुकी है. करीब 6000 एकड़ में नया गोरखपुर बसाने की योजना है. जीडीए को उम्मीद है कि यह टारगेट वह जल्द ही हासिल कर लेगा.

नया गोरखपुर के लिए जीडीए प्रथम चरण में मानीराम, रहमत नगर, सोनबरसा और बालापार की 158.377 हेक्टेयर जमीन सहमति के आधार पर खरीद रहा है. किसानों को सर्किल रेट का चार गुना (03 करोड़ 35 लाख 70 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर) भुगतान किया जा रहा है. पहले चरण में बालापार गांव में सहमति के आधार पर जमीन की रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू हुई है. यहां 482 किसान जीडीए को अब तक 123 एकड़ से अधिक भूमि की रजिस्ट्री कर चुके हैं.

प्रोजेक्ट में तेजी लाने के लिए जीडीए ने अनिवार्य अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है. इसके लिए माड़ापार, तकिया मेदनीपुर और कोनी गांव में 622.26 एकड़ भूमि के अनिवार्य अधिग्रहण करने लिए धारा 04 का प्रकाशन कर दिया गया है. ग्रामीणों से आपत्तियां और सुझाव लिए जा रहे हैं. लेकिन इन गांवों में समझौते के आधार पर भी जमीनें खरीदने का विकल्प खुला हुआ है. किसान अभी भी सहमति के आधार पर सर्किल रेट का चार गुना के दर से जमीन बेच सकते हैं. 

माड़ापार में 151.261 हेक्टेयर भूमि, कोनी ग्राम में 56.485 हेक्टेयर भूमि और ग्राम तकिया मेदिनीपुर में 44.076 हेक्टेयर समेत कुल 622.26 एकड़ भूमि का अधिग्रहण किया जाना है. भूमि अधिग्रहण के लिए शासन द्वारा अब तक 400 करोड़ रुपए की धनराशि दी जा चुकी है, जिसमें से 300 करोड़ रुपये जिलाधिकारी कार्यालय को भूमि अधिग्रहण के लिए उपलब्ध कराए जा चुके हैं.

इस संबंध में, जीडीए के सचिव उदय प्रताप सिंह ने मीडिया को बताया कि सहमति से जीडीए को जमीन देने के लिए किसान आगे आ रहे हैं. 6 नवम्बर तक 123 एकड़ से अधिक भूमि की रजिस्ट्री हो चुकी है. किसानों के खाते में धनराशि भेजी जा चुकी है.

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