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Manish Gupta Hatyakand : हत्या के आरोप से बरी हुए पांच पुलिकर्मियों की बढ़ीं मुश्किलें

मृतक की पत्नी की याचिका पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, अगली सुनवाई तीन मार्च को, सीबीआई कोर्ट ने हत्या के आरोप से किया था बरी


GO GORAKHPUR: रामगढ़ताल थाना क्षेत्र में गत 27 सितम्बर 2022 की रात हुई कानपुर के प्रापर्टी डीलर मनीष गुप्ता हत्याकांड (Manish Gupta Hatyakand) मामले में हत्या के आरोप से बरी पांच पुलिसकर्मियों की मुसीबत एक बार फिर बढ़ गई है. सीबीआई कोर्ट से बरी हुए उक्त आरोपियों के खिलाफ मृतक की पत्नी की तरफ से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय ने स्टे दे दिया है. हाई कोर्ट से स्टे मिलने के बाद एक बार फिर हत्याकांड में दोषमुक्त किए गए पांच पुलिस कर्मियों को एक बार फिर जेल जाना पड़ सकता है, क्योंकि अब यह प्रकरण सीबीआई न्यायालय नहीं बल्कि उच्च न्यायालय में सुना जाएगा. आरोप मुक्त किए गए पुलिस कर्मियों के मामले में आगामी 3 मार्च को सुनवाई होगी. 
ग़ौरतलब है कि सीबीआई कोर्ट में मनीष गुप्ता हत्याकांड की सुनवाई करते हुए मामले में सिर्फ इंस्पेक्टर जेएन सिंह पर हत्या का आरोप तय हुआ. वहीं मामले में हत्या के आरोपित बनाए गए पांच पुलिस कर्मियों के खिलाफ सिर्फ मारपीट और धमकी देने की धाराओं में आरोप तय किया गया. इसके बाद गत 10 जनवरी 2023 को पांच पुलिसकर्मी तिहाड़ जेल से जमानत कर दिए गए. हत्याकांड में मुख्य आरोपित बनाया  गया इंस्पेक्टर जेएन सिंह तिहाड़ जेल में बंद है. सूत्र बताते हैं कि इंस्पेक्टर जेएन सिंह ने अभी कोर्ट में जमानत के लिए अर्जी तक नहीं दी है. 
इधर, मामले में पांच पुलिस कर्मियों को हत्या के आरोप से मुक्त किए जाने के लिए खिलाफ मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता की ओर से याचिका अधिवक्ता केके शुक्ला और कार्तिकेय माथुर ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी, जिसमें एडवोकेट अमित जॉर्ज ने कोर्ट के सामने अपना तर्क दिया. याचिकाकर्ता का न्यायालय में तर्क था कि आरोप तय करते समय याचिकाकर्ता को भी सुना जाना चाहिए था. मेरा यह भी प्रथम दृष्टया मानना है कि आरोपित पर आईपीसी की धारा 302 और 34 के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए. सुनवाई पूरी होने के पश्चात न्यायमूर्ति सिंह ने कहा, यदि मामले को आगे बढ़ने की अनुमति दी जाती है तो सबूत धारा 302 के तहत नहीं बल्कि धारा 323 के तहत दिया जाएगा, जो उचित नहीं हो सकता है. 
उक्त कथन के साथ न्यायमूर्ति ने आदेश दिया है कि 22 दिसंबर 2022 और 9 जनवरी, 2023 के आदेशों का संचालन और प्रभाव और सुनवाई की अगली तारीख तक कार्यवाही पर रोक लगाई जाती है. सीबीआई और आरोपियों को नोटिस जारी करते हुए न्यायालय ने आगामी 3 मार्च को अगली तारीख निश्चित किया है. 
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