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लखनऊ: 170 एकड़ में फैला सहारा का साम्राज्य बिखरा, तीन दिनों में इस आलीशान महल पर लग जाएगा ताला

लखनऊ: 170 एकड़ में फैला सहारा का साम्राज्य बिखरा, तीन दिनों में इस आलीशान महल पर लग जाएगा ताला

लखनऊ: लखनऊ नगर निगम की टीम बुधवार को सहारा समूह के ‘सहारा शहर’ परिसर को सील करने के लिए पूरी तैयारी के साथ पहुंची। भारी पुलिस बल, ईटीएफ और पीएसी की मौजूदगी में नगर निगम के अधिकारी पांच ताले और जंजीर लेकर गेट सील करने जा रहे थे। हालांकि, आखिरी समय में सहारा समूह के प्रतिनिधियों ने नगर निगम के आला अधिकारियों से बातचीत की और कुछ दिनों की मोहलत देने की गुजारिश की। लंबी बातचीत के बाद, नगर निगम की टीम ने प्रतिनिधियों को तीन दिन का समय दिया है। यह मोहलत परिसर से सामान निकालने और ‘सहारा शहर’ को खाली करने के लिए दी गई है।

प्रतिनिधियों की मिन्नतें, आला अधिकारियों से बातचीत के बाद मिली मोहलत

बुधवार को नगर निगम की टीम जब परिसर का गेट सील करने ही वाली थी, तब सहारा के प्रतिनिधि मौके पर पहुंचे। शुरुआती दौर में नगर निगम के अधिकारी सीलिंग के अपने फैसले पर अडिग थे और उन्होंने सहारा के लोगों की एक नहीं सुनी। इसके बाद सहारा प्रतिनिधियों ने प्रशासन के आलाधिकारियों से बातचीत शुरू की। काफी विचार-विमर्श के बाद, दोनों पक्ष तीन दिन की मोहलत पर सहमत हुए। मोहलत मिलने के बाद परिसर में वीआईपी गाड़ियों की आवाजाही बढ़ गई है। तय समय के बाद नगर निगम सीलिंग की कार्रवाई को अंजाम देगा।

‘सुब्रतो कोठी’ परिसर में क्या है?

नगर निगम द्वारा सील की जाने वाली 130 एकड़ जमीन पर ‘सुब्रतो कोठी’ परिसर स्थित है, जो सहारा समूह की सबसे आलीशान संपत्तियों में से एक है। इस परिसर में सहारा समूह के प्रमुख ‘सहारा श्री’ का भव्य महलनुमा बंगला, कार्यालय (ऑफिस), एक स्टेडियम, ऑडिटोरियम, गेस्ट हाउस, पेट्रोल पंप, फायर स्टेशन, स्विमिंग पूल, हेलीपैड, थिएटर, अस्पताल, झील, और क्लब जैसी तमाम लग्जरी सुविधाएं हैं। अधिकारियों के मुताबिक, यहां कभी अमिताभ बच्चन और मुलायम सिंह यादव जैसी बड़ी हस्तियां आती थीं। इस परिसर को अब नगर निगम पूरी तरह से कब्जे में लेकर खाली कराएगा।

सीलिंग के बाद सिर्फ एक गेट खुलेगा, सुरक्षाकर्मी होंगे तैनात

नगर निगम के संपत्ति विभाग द्वारा यह सीलिंग की कार्रवाई की जाएगी। सीलिंग के बाद, 130 एकड़ परिसर में रह रहे सहारा श्री के कर्मचारियों, केयर टेकर और सुरक्षा कर्मियों को परिसर खाली करने का निर्देश दिया जाएगा। शहर के सभी गेटों को बंद कर सील किया जाएगा, और नगर निगम द्वारा आवाजाही के लिए सिर्फ एक गेट छोड़ा जाएगा। अल्टीमेटम का समय पूरा होने के बाद, नगर निगम मुख्य गेट को भी बंद कर परिसर का पूरा कब्जा अपने हाथ में ले लेगा और यहां पर अपने सुरक्षा कर्मियों को तैनात करेगा।

नियमों का उल्लंघन और सुप्रीम कोर्ट में कैविएट

नगर आयुक्त गौरव कुमार के अनुसार, नगर निगम यह कार्रवाई नियम और शर्तों का उल्लंघन करने पर कर रहा है। सहारा समूह को यह जमीन 1994-1995 में तत्कालीन मुलायम सिंह यादव की सरकार के समय 170 एकड़ आवंटित की गई थी। इसमें से 130 एकड़ जमीन लाइसेंस डीड के तहत मिली थी। समूह को यहां पर आवासीय और व्यावसायिक परियोजनाएं विकसित करनी थीं, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। इसके बजाय, यहां पर सफेद संगमरमर का घर, आधुनिक थिएटर और 40 एकड़ जमीन में लग्जरी तालाब जैसी गैर-अनुमोदित संरचनाएं खड़ी की गईं। नगर निगम अब इस मामले में विशेष सावधानी बरत रहा है और सुप्रीम कोर्ट में कैविएट दाखिल करेगा, ताकि सहारा समूह द्वारा कोर्ट जाने पर नगर निगम का पक्ष पहले सुना जा सके।


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Siddhartha Srivastava

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About Author

Siddhartha Srivastava का आज, राष्ट्रीय सहारा, अमर उजाला, हिंदुस्तान, दैनिक जागरण जैसे हिंदी अखबारों में 18 साल तक सांस्थानिक पत्रकारिता का अनुभव है. वर्तमान में स्वतंत्र पत्रकारिता. email:- siddhartha@gogorakhpur.com | 9871159904.

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