कानपुर में एक खौफनाक हत्याकांड का खुलासा हुआ है। एक पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या कर दी और शव को घर में ही दफना दिया। इस वारदात का गवाह 12 साल का बेटा रोहित है, जिसने पुलिस को आपबीती सुनाई। जानिए कैसे 10 महीने बाद खुला यह राज।
कानपुर: एक 12 साल के बच्चे ने अपनी आँखों के सामने अपनी ही मां को अपने पिता की हत्या करते हुए देखा। इस घटना ने पूरे गांव को झकझोर कर रख दिया है। बच्चे ने पुलिस को बताया कि उसकी मां और बुआ के लड़के ने मिलकर उसके पिता की बेरहमी से हत्या कर दी और शव को घर के पीछे बगीचे में दफना दिया। यह सनसनीखेज वारदात कानपुर के सचेंडी इलाके की है, जहां 50 साल के शिवबीर सिंह की हत्या उनकी पत्नी लक्ष्मी और भांजे अमित ने मिलकर कर दी। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस पूरी वारदात को शिवबीर के सबसे छोटे बेटे रोहित ने अपनी आंखों से देखा। 10 महीने तक यह राज दफन रहा, लेकिन जब मृतक की मां और बहन ने हिम्मत करके पुलिस में शिकायत दर्ज कराई, तब जाकर इस खौफनाक हत्याकांड का खुलासा हुआ।
‘मम्मी और अमित पापा को घसीटकर ले जा रहे थे’
रोहित ने पुलिस को बताया, “रात करीब 1 बजे तेज खटपट की आवाज हुई, तो मैं जाग गया। मैंने देखा कि मम्मी और फुफेरा भाई अमित पापा के हाथ-पैर पकड़ कर घसीट रहे थे। मैंने पूछा कि पापा को क्या हो गया, कहां लेकर जा रही हो? इस पर मम्मी ने मुझे मारा और धमकी दी कि अगर किसी को बताया तो तुझे भी मारकर फेंक दूंगी।” रोहित ने बताया कि दिवाली की रात उसकी मम्मी ने सभी को चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर पिला दिया था, जिससे उसके भाई और बहन गहरी नींद में सो गए। लेकिन, उसने चाय का सिर्फ एक घूंट पिया था, इसलिए उसकी नींद खुल गई थी। उसने देखा कि पापा के सिर से खून बह रहा था और अमित ने उनके सिर को पकड़ा हुआ था जबकि मम्मी ने उनके पैर।
अवैध संबंध का शक, लव मैरिज के 20 साल बाद हुई वारदात
पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि शिवबीर और लक्ष्मी ने 2004 में लव मैरिज की थी। दोनों के तीन बच्चे हैं, लेकिन गांव में रहने के दौरान लक्ष्मी का अपने भांजे अमित से प्रेम संबंध हो गया। जब शिवबीर को इस बात का पता चला तो उन्होंने लक्ष्मी की पिटाई की थी। इस घटना के बाद लक्ष्मी और अमित ने मिलकर शिवबीर को रास्ते से हटाने का फैसला कर लिया। पड़ोसियों ने बताया कि शिवबीर नौकरी के लिए सूरत में रहते थे, जिस कारण अमित अक्सर उनके घर आता-जाता रहता था। किसी को भी उनके अवैध संबंध की भनक नहीं लगी, क्योंकि सभी उन्हें मामी-भांजे मानते थे।
पुलिस ने 10 महीने बाद किया खुलासा
इस मामले का खुलासा तब हुआ जब शिवबीर की बहन कांती देवी और मां सावित्री को शक हुआ। उन्होंने कई बार लक्ष्मी से शिवबीर के बारे में पूछा, लेकिन वह हर बार कोई न कोई बहाना बना देती थी। आखिरकार, जब उनकी शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया, तो वे कोर्ट गईं। कोर्ट के आदेश पर 19 अगस्त, 2025 को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई। पुलिस ने जब लक्ष्मी और अमित के फोन की कॉल डिटेल रिकॉर्ड (CDR) खंगाली, तो उनके बीच लंबी बातचीत सामने आई। पुलिस की सख्ती के बाद दोनों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया।