देवरिया में जागृति उद्यम केंद्र के 'ग्रीन कोहोर्ट' का शुभारंभ, 43 उद्यमी पूर्वांचल के 7 जिलों में सर्कुलर इकोनॉमी और कचरा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में करेंगे विस्तार। जानें इस पहल के बारे में।
देवरिया: देवरिया स्थित बरपार के बरगद सभागार में बुधवार को जागृति उद्यम केंद्र–पूर्वांचल की ओर से संचालित इन्क्यूबेशन प्रोग्राम के ‘ग्रीन कोहोर्ट’ का भव्य शुभारंभ हुआ। इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न हिस्सों से 43 उद्यमी शामिल हुए, जो सर्कुलर इकोनॉमी, जैव विविधता, लोकल इकोनॉमी और कचरा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में कार्यरत हैं। अब ये उद्यमी जागृति के सहयोग से पूर्वांचल के सात जिलों – देवरिया, कुशीनगर, संतकबीर नगर, महराजगंज, बलिया और मऊ में अपने उद्यमों का विस्तार करेंगे।
Read ……एम्स गोरखपुर में पहली सफल कॉर्निया प्रत्यारोपण सर्जरी, 75 वर्षीय महिला को मिलेगी नई रोशनी
उद्यमिता और नवाचार का उत्सव
जागृति उद्यम केंद्र के सीईओ आशुतोष कुमार ने इस अवसर पर कहा कि हमने एक ऐसे पारिस्थितिकी तंत्र की कल्पना की है, जहाँ हर व्यक्ति एक दूसरे से जुड़कर आगे बढ़ सके। उन्होंने इसे “उद्यमिता का उत्सव और नवाचार का नृत्य” बताया, जहाँ प्रेरणा की पूंजी, मनुष्य और प्रकृति का साहचर्य हो। कुमार ने जागृति के संस्थापक शशांक मणि की सोच को दोहराया, जिसका ध्येय धरती माँ के श्रृंगार को बनाए रखते हुए देश का विकास करना है। उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के लिए 300 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए थे, जिनमें से इन 43 उद्यमियों का चयन किया गया है।
जागृति का 7एम सहयोग मॉडल
इन्क्यूबेशन डायरेक्टर वीणा हनमसागर ने जागृति के इन्क्यूबेशन प्रोग्राम के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जागृति 7एम प्रक्रिया के तहत उद्यमियों को पूरे एक साल तक सहयोग प्रदान करती है। इस प्रक्रिया में मोबिलाइजेशन (जुटाना), मेंटरशिप (मार्गदर्शन), मार्केट कनेक्ट (बाजार से जोड़ना), मनी (धन), मिसलेनियस सर्विस (विविध सेवाएँ), माहौल (वातावरण) और मित्र (सहयोगी) शामिल हैं। यह परिधि उद्यम के विकास के लिए आवश्यक हर जरूरत को पूरा करती है।
पर्यावरण अनुकूल विकास पर जोर
बायोरिजनल सीओई मैनेजर आनंद कुमार सिंह ने पर्यावरण अनुकूल विकास के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विकास जरूरी है, लेकिन पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने की शर्तों पर नहीं। हमें ऐसे मॉडल को अपनाना होगा जो प्रकृति को साथ लेकर चले। उन्होंने बताया कि बीते साल जागृति ने 12 हरित उद्यमों को सहयोग प्रदान किया था और तब उनका कार्यक्षेत्र सिर्फ तीन जिलों तक सीमित था। इस साल 43 उद्यमों को सात जिलों में समर्थन दिया जा रहा है, और भविष्य में इस कारवां के और बढ़ने की उम्मीद है।
इस कार्यक्रम में एसोसिएट डायरेक्टर विश्वास पांडेय, मार्केटिंग डायरेक्टर मीनल लाल, जागृति यात्रा के सीईओ चिन्मय, रिसर्च मैनेजर डॉ. खुशबू, उद्यम कोर अजय कुमार, दुर्गेश, नित्या, दर्पण चिब, शाहाना समेत विभिन्न जगहों से आए व्यवसाय विशेषज्ञ और उद्यमी मौजूद रहे। यह पहल पूर्वांचल में हरित और समावेशी आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।