जबलपुर के शिक्षक इंद्र कुमार तिवारी की यह दर्दनाक कहानी सुनकर भरोसे के धागे चटक जाएंगे

वायरल वीडियो बना मौत का जाल: कथावाचक से पूछा था ‘कब होगी शादी’
जबलपुर के शिक्षक इंद्र कुमार तिवारी की शादी के झांसे में आकर कुशीनगर में हत्या। वायरल वीडियो से बनी साजिश, पुलिस ने किया खुलासा। जानें सोशल मीडिया पर बढ़ते अपराध का खतरनाक सच।
Kushinagar Murder Case Indra Kumar Tiwari: यह कहानी एक सीधे-सादे शिक्षक इंद्र कुमार तिवारी की है, जिनकी दिली ख्वाहिश ज़िंदगी में एक हमसफर पाने की थी। उनकी यही चाहत उनकी मौत का सबब बन गई। शादी के झांसे से शुरू हुई यह कहानी इस महीने की शुरुआत में कुशीनगर के एक नाले में उनकी चाकू से गोदी हुई लाश मिलने के साथ खत्म हुई। पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और दो अन्य की तलाश जारी है। लेकिन इस कहानी ने इंटरनेट की दुनिया में सोने जागने वालों का भीतर तक झकझोर दिया है। वर्चुअल दुनिया जितनी रंगीन है, उसकी नीयत उससे कहीं ज्यादा कातिल और कलुषित है। कम से कम इंद्र कुमार तिवारी की कहानी सुनने पढ़ने वाला कोई शख्स इस हकीकत से तो इनकार नहीं कर सकता है।
इंद्र कुमार तिवारी की कहानी शुरू होती है अप्रैल 2025 में। जबलपुर जिले के रिमझा गांव में मशहूर कथावाचक स्वामी अनिरुद्धाचार्य की भागवत कथा चल रही थी। इसी सभा में 45 वर्षीय संस्कृत शिक्षक इंद्र कुमार तिवारी ने माइक थामा। 18 एकड़ जमीन के मालिक होने के बावजूद, इंद्र की जिंदगी में खालीपन था, क्योंकि उनकी शादी नहीं हुई थी। उन्होंने स्वामी अनिरुद्धाचार्य से सीधा सवाल किया, “महाराज, शादी नहीं हो रही, उम्र बढ़ रही है, क्या करूं?” इंद्र की मासूमियत ने लोगों को छुआ और उनका यह सवाल सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।
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हजारों लोगों ने इस वीडियो को लाइक, शेयर और कमेंट किया, लेकिन यही वायरल वीडियो इंद्र के लिए मौत का दरवाजा खोलने वाला साबित हुआ। उत्तर प्रदेश के कुशीनगर की रहने वाली साहिबा बानो की नज़र इस वीडियो पर पड़ी। उसने सोशल मीडिया पर ‘खुशी तिवारी’ के नाम से एक फर्जी प्रोफाइल बनाई, सुंदर लड़की की फोटो लगाई और इंद्र से शादी में दिलचस्पी दिखाई।
17 मई 2025 को इंद्र के फोन पर ‘खुशी’ का कॉल आया, जिसने उनमें उम्मीद जगा दी। बातचीत शुरू हुई और इंद्र को लगा कि उनका सपना सच होने वाला है। 26 मई को खुशी का “भाई” बनकर एक शख्स जबलपुर में इंद्र के घर पहुंचा और बताया कि 6 जून को शादी का मुहूर्त है, जिसके लिए गोरखपुर आना होगा। उत्साह में इंद्र ने उसे ₹1100 दिए और शादी की तैयारियां शुरू कर दीं। उन्होंने अपनी एक एकड़ जमीन गिरवी रखकर ₹1.5 लाख जुटाए, ₹1,20,000 के जेवर और ₹40-50,000 की नकदी तैयार की। पड़ोसियों को खुशी की तस्वीर दिखाकर इंद्र 6 जून को शादी करके लौटने का वादा कर गोरखपुर के लिए निकल पड़े।
2 जून 2025 को इंद्र शादी का सपना लिए जेवर और नकदी के साथ गोरखपुर के लिए निकले। रास्ते में साहिबा (खुशी) ने उन्हें बताया कि सगाई की रस्में घर से होंगी और शादी में सिंदूर-वरमाला सहित सारे फंक्शन होंगे। इंद्र 5 जून को सुबह 10 बजे पड़ोसियों से आखिरी बार बात की, यह कहकर कि वह शादी का सामान लाने के लिए लोडर बुक कर रहा है। इसके बाद उनका फोन बंद हो गया। 6 जून को कुशीनगर के हाटा कोतवाली क्षेत्र के खेत में एक चाकू से गोदी हुई लाश मिली, जिसकी पहचान इंद्र कुमार तिवारी के रूप में हुई।
इंद्र कुमार के परिवार ने जबलपुर में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई। कुशीनगर में मिले शव की पहचान होने और इंद्र का वायरल वीडियो पुलिस के हाथ लगने के बाद जांच शुरू हुई। पुलिस को साहिबा बानो से इंद्र की शादी की जानकारी मिली। साहिबा बानो से सख्ती से पूछताछ करने पर इस पूरी साजिश का खुलासा हुआ। दरअसल, ठगों के इस गिरोह ने इंद्र को शादी का झांसा देकर बुलाया, घर में बंधक बनाया, जेवर और नकदी लूट ली। इसके बाद जबरदस्ती वीडियो कॉल करके परिजनों को यह भरोसा दिलाया कि सब ठीक है। 6 जून की रात इंद्र का गला रेद कर उसकी लाश पास के नाले में फेंक दी गई।
प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि इस गैंग ने सोशल मीडिया और इंटरनेट के माध्यम से इंद्र कुमार की जानकारी जुटाई और उन्हें निशाना बनाया। साहिबा बानो ने ‘खुशी तिवारी’ नाम से फर्जी आधार कार्ड बनवाया और इंद्र से संपर्क साधा। शादी की एक्टिंग करने के बाद उन्होंने इंद्र पर संपत्ति अपने नाम करने का दबाव बनाया, और इंकार करने पर उनकी हत्या कर दी। कुशीनगर और गोरखपुर पुलिस की संयुक्त टीम ने कॉल डिटेल्स और मोबाइल लोकेशन खंगाली, जिसके बाद साहिबा बानो और उसके गैंग का असली चेहरा सामने आया। पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों (साहिबा बानो और कौशल गढ़) को गिरफ्तार कर लिया है, जिन्होंने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। दो अन्य आरोपियों की तलाश जारी है।
इंद्र तिवारी की यह दर्दनाक कहानी उन सभी के लिए एक अलर्ट है, जो बिना सोचे-समझे इंटरनेट पर जन्मे रिश्तों पर भरोसा कर लेते हैं। आज के दौर में प्यार के नाम पर साजिशें रची जा रही हैं…भरोसे, विश्वास के कत्ल की यह कहानी बहुत दिनों तक लोगों के जेहन में बनी रहेगी।
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