GO GORAKHPUR: गोरखपुर में कंजेक्टिवाइटिस का प्रकोप फैल गया है. मौसम में बदलाव के कारण इस बीमारी के मरीजों की संख्या अचानक बढ़ गई है. जिला अस्पताल और सीएचसी, पीएचसी की ओपीडी में आने वाले नेत्र रोग के मरीजों में एक चौथाई इसी के शिकार हैं. इसमें 60 फीसदी स्कूली छात्र हैं. आलम यह है कि महानगर के सभी स्कूल इससे प्रभावित हैं. स्कूलों में बड़ी संख्या में छात्र इस बीमारी से जूझ रहे हैं. मरीज सरकारी अस्पतालों में और निजी नेत्र रोग विशेषज्ञों के पास पहुंच रहे हैं.
नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. अंजुम जैन ने बताया कि मानसून सीजन में तापमान में उतार-चढ़ाव होता है. धूप के बाद बारिश हो जाती है. इससे हवा में मौजूद गंदगी बारिश के जरिए आंखों में पड़ जाती है. इसी से आंखों का संक्रमण हो जाता है. इसे कंजेक्टिवाइटिस कहते हैं. इसमें आंखें लाल हो जाती हैं. संक्रमण बढ़ने पर आंखों से पानी गिरने लग रहा है. यह संक्रमण अगर लंबे समय तक रहे तो यह आंखों की रोशनी को कमजोर कर सकता है. सबसे खास बात यह है कि इसमें दूसरों को बीमारी फैलने का खतरा होता है. यही वजह है कि स्कूलों में इस बीमारी के मरीजों की संख्या सर्वाधिक है. वहां छात्र एक-दूसरे के संपर्क में आकर बीमार हो रहे हैं.
कंजेक्टिवाइटिस के लक्षण
- आंखों में लालिमा
- आंखों से पानी आना
- आंखों में जलन
- आंखों में खुजली
- आंखों में दर्द
- आंखों में सूजन
- आंखों से मवाद आना
कंजेक्टिवाइटिस के कारण
- बैक्टीरिया
- वायरस
- एलर्जी
- धूल
- धुआं
- प्रदूषण
- कंजेक्टिवाइटिस से पीड़ित व्यक्ति के संपर्क में आना
- कंजेक्टिवाइटिस का इलाज
क्या है इलाज
कंजेक्टिवाइटिस का इलाज उसके कारण के आधार पर किया जाता है. अगर कंजेक्टिवाइटिस बैक्टीरिया के कारण होता है तो एंटीबायोटिक दवाएं दी जाती हैं. अगर कंजेक्टिवाइटिस वायरस के कारण होता है तो एंटीवायरल दवाएं दी जाती हैं. अगर कंजेक्टिवाइटिस एलर्जी के कारण होता है तो एंटीहिस्टामाइन दवाएं (एंटीहिस्टामाइन ऐसी दवाएं हैं जिनका उपयोग अक्सर एलर्जी के लक्षणों से राहत पाने के लिए किया जाता है) दी जाती हैं.
कंजेक्टिवाइटिस से बचाव
- कंजेक्टिवाइटिस से पीड़ित व्यक्ति से दूर रहें.
- आंखों को बार-बार धोएं.
- आंखों में हाथ ना लगाएं.
- साफ-सुथरी जगह पर रहें.
- धूल-धुआं और प्रदूषण से बचें.
- कंजेक्टिवाइटिस के मरीजों के लिए अलग से तौलिया और रुमाल रखें.
- अगर आपको कंजेक्टिवाइटिस के लक्षण दिख रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.
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