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परमहंस योगानंद की जन्मस्थली पर यहां बनेगा विशाल योग भवन

परमहंस योगानंद की जन्मस्थली पर यहां बनेगा विशाल योग भवन

गोरखपुर में योगानंद जन्मस्थली का होगा विकास, 27 करोड़ स्वीकृत

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परमहंस योगानंद की जन्मस्थली पर यहां बनेगा विशाल योग भवन
परमहंस योगानंद की जन्मस्थली पर यहां बनेगा विशाल योग भवन

Gorakhpur: दुनिया को योग का पाठ पढ़ाने वाले परमहंस योगानंद की गोरखपुर स्थित जन्मस्थली पर उनकी बचपन की यादों को संजोने की तैयारी पूरी हो चुकी है। कोतवाली के पास स्थित उनके जन्मस्थान की भूमि का अधिग्रहण कर लिया गया है, और वहां योग भवन के निर्माण की योजना पर काम शुरू होने जा रहा है। इस परियोजना के लिए शासन से 27.66 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिल चुकी है, जिसमें से 5 करोड़ रुपये जारी कर दिए गए हैं। पर्यटन विभाग जल्द ही निर्माण कार्य शुरू करेगा।

योग भूमि का निर्माण 1360 वर्ग मीटर में किया जाएगा। इसमें भूमि तल के बाहरी हिस्से में एक लॉन विकसित किया जाएगा, जहां योगानंद की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। पहले तल पर एक संग्रहालय और पुस्तकालय बनाया जाएगा, जिसमें योगानंद के विभिन्न मुद्राओं में चित्रों को प्रदर्शित किया जाएगा। दूसरे तल को मंदिर का रूप दिया जाएगा।

पर्यटन विभाग के उप निदेशक रवींद्र कुमार मिश्र ने बताया कि बजट की पहली किस्त के रूप में 5 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

परमहंस योगानंद का महत्व

परमहंस योगानंद एक प्रसिद्ध भारतीय योगी और गुरु थे, जिन्होंने पश्चिमी दुनिया में योग और ध्यान को लोकप्रिय बनाया। उनकी पुस्तक “योगी कथामृत” एक अंतरराष्ट्रीय बेस्टसेलर है और लाखों लोगों को प्रेरित करती है। गोरखपुर में उनकी जन्मस्थली का विकास न केवल एक पर्यटन स्थल होगा, बल्कि योग और आध्यात्मिकता के केंद्र के रूप में भी उभरेगा। यह परियोजना योगानंद के जीवन और शिक्षाओं को समर्पित होगी और दुनिया भर से योग प्रेमियों को आकर्षित करेगी। यह परियोजना गोरखपुर के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है और यह शहर को योग और आध्यात्मिकता के मानचित्र पर एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाएगी।

परियोजना के लाभ

पर्यटन को बढ़ावा: योगानंद की जन्मस्थली का विकास गोरखपुर में पर्यटन को बढ़ावा देगा।
आध्यात्मिक केंद्र: यह स्थान योग और आध्यात्मिकता के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र बनेगा।
सांस्कृतिक धरोहर का संरक्षण: यह परियोजना योगानंद की विरासत को संरक्षित करेगी।
स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ: निर्माण और पर्यटन से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।

Siddhartha Srivastava

Siddhartha Srivastava

About Author

Siddhartha Srivastava का आज, राष्ट्रीय सहारा, अमर उजाला, हिंदुस्तान, दैनिक जागरण जैसे हिंदी अखबारों में 18 साल तक सांस्थानिक पत्रकारिता का अनुभव है. वर्तमान में स्वतंत्र पत्रकारिता. email:- siddhartha@gogorakhpur.com | 9871159904.

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