गोरखपुर: गोरखपुर वासियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। शहरी बाढ़ (Urban Flood) के खतरे को हमेशा के लिए खत्म करने के उद्देश्य से राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) ने नगर निगम को 220 करोड़ रुपये की भारी-भरकम राशि मंजूर की है। शहर के ‘अर्बन फ्लड मैनेजमेंट सेल’ (UFMC) के बेहतर प्रदर्शन के आधार पर इस प्रोजेक्ट का चयन किया गया है।
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तालों की ड्रेजिंग से बढ़ेगी जलधारण क्षमता
परियोजना के सबसे अहम हिस्से के तहत शहर के प्रमुख ऐतिहासिक तालों और वेटलैंड्स (आर्द्रभूमि) को पुनर्जीवित किया जाएगा। इन जल स्रोतों की व्यापक ड्रेजिंग (गाद निकालना) की जाएगी ताकि उनकी गहराई बढ़ सके। इसका सीधा लाभ यह होगा कि मूसलाधार बारिश का अतिरिक्त पानी सड़कों पर भरने के बजाय सीधे इन तालों में संचित हो सकेगा, जिससे भूजल स्तर में भी सुधार होगा।
शहर में लगेंगे हाईटेक वेदर और रेनफॉल स्टेशन
बाढ़ प्रबंधन को स्मार्ट बनाने के लिए प्रशासन अब टेक्नोलॉजी का सहारा लेगा। शहर के विभिन्न हिस्सों में अत्याधुनिक वेदर और रेनफॉल स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। ये स्टेशन प्रशासन को मौसम और बारिश का ‘रियल-टाइम डेटा’ और पूर्व चेतावनी (Early Warning) देंगे। इसके लिए अर्बन फ्लड मैनेजमेंट सेल में आधुनिक सॉफ्टवेयर के साथ प्रशिक्षित कर्मचारी भी तैनात किए जाएंगे।
जर्जर नालों की रिमॉडलिंग और चौड़ीकरण
जल निकासी की बाधाओं को दूर करने के लिए पुराने और जर्जर हो चुके नालों की रिमॉडलिंग का खाका तैयार किया गया है। नालों की चौड़ाई और गहराई बढ़ाई जाएगी तथा आवश्यकतानुसार नए निर्माण भी होंगे। अपर नगर आयुक्त दुर्गेश मिश्रा ने बताया कि इस मास्टर प्लान से भविष्य में शहर को जलभराव से पूरी तरह मुक्ति मिलेगी और एक सुरक्षित शहरी ढांचा विकसित होगा।


