‘साहित्यकार से मिलिए’ कार्यक्रम में कवि जितेंद्र श्रीवास्तव ने किया काव्य पाठ
Gorakhpur: गोरखपुर के दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग में आयोजित ‘साहित्यकार से मिलिए’ कार्यक्रम में प्रसिद्ध कवि-आलोचक जितेंद्र श्रीवास्तव ने शिरकत की और अपनी कविताओं का पाठ किया. इस दौरान उन्होंने छात्रों के साथ संवाद भी किया और उनके सवालों के जवाब दिए.
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जितेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि गोरखपुर उनकी जन्मस्थली और निर्माण स्थली रही है. उन्होंने गोरखपुर से जुड़ी गतिविधियों को अपनी रचनाओं में जगह देकर एक नए तरह का रचना संसार तैयार किया है. उन्होंने कहा कि मेरी जन्मस्थली और निर्माण स्थली गोरखपुर है. मैं दिल्ली में रहता हूं, लेकिन दिल्ली वाला नही हूं. मैं दिल्ली छोड़ना भी नहीं चाहता, लेकिन गोरखपुर में आना हमेशा भावुक करने वाला होता है. उन्होंने अपनी कविताओं पाठ किया जिसमें मुख्य रूप से ‘शहर का छूटना’ और ‘बेटियां’ कविता को खूब सराहा गया.
कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रो. कमलेश गुप्ता ने जितेंद्र श्रीवास्तव की कविताओं पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कविता में सड़ांध को कम करना कवि की जिम्मेदारी है, जिसको जितेंद्र श्रीवास्तव बखूबी कर रहे हैं. प्रो. दीपक प्रकाश त्यागी ने जितेंद्र श्रीवास्तव की कविताओं और आलोचनात्मक साहित्य का उल्लेख करते हुए कहा कि उनकी कविताओं में विस्थापन, संवेदनात्मक आवेग और अपने समय के मानव जीवन की विडंबनाओं की सधी हुई अभिव्यक्ति है.
कार्यक्रम में हिंदी विभाग के छात्रों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और जितेंद्र श्रीवास्तव से उनकी कविताओं और राजनीतिक जीवन पर सवाल किए. जितेंद्र श्रीवास्तव ने छात्रों के सभी सवालों के जवाब दिए.