गोरखपुर में रेलवे कर्मचारियों ने ट्रेनों में प्राइवेट एसी मैकेनिकों की नियुक्ति का विरोध करते हुए चौरीचौरा और पूर्वांचल एक्सप्रेस से उन्हें हटा दिया। रेलवे स्टेशन पर हुए इस प्रदर्शन के बाद अधिकारियों को झुकना पड़ा और निजी कर्मियों की जगह रेलवे स्टाफ को ड्यूटी पर लगाया गया। जानें पूरा मामला।
गोरखपुर: ट्रेनों में प्राइवेट एसी मैकेनिकों की ड्यूटी लगाए जाने से नाराज़ रेलवे कर्मचारियों ने शनिवार रात और रविवार सुबह गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शन किया। पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ (पीआरकेएस) के महामंत्री विनोद राय के नेतृत्व में कर्मचारियों ने चौरीचौरा एक्सप्रेस और पूर्वांचल एक्सप्रेस से प्राइवेट कर्मियों को हटाकर उनकी जगह रेलवे के स्टाफ को ड्यूटी पर लगाया। इस हंगामे की सूचना मिलते ही स्टेशन डायरेक्टर, डिवीजनल इलेक्ट्रिक इंजीनियर और आरपीएफ इंस्पेक्टर मौके पर पहुंचे।
निजी कर्मियों की नियुक्ति का विरोध
रेलवे के इलेक्ट्रिकल विभाग ने एसी कोचों के रखरखाव के लिए प्राइवेट एसी मैकेनिकों की नियुक्ति का टेंडर जारी किया है। इसी के विरोध में शनिवार रात चौरीचौरा एक्सप्रेस में ड्यूटी पर लगे तीन निजी कर्मियों को देखकर पीआरकेएस के पदाधिकारी और कर्मचारी एकजुट हो गए और प्रदर्शन करने लगे। कर्मचारियों ने इन प्राइवेट कर्मियों को हटाने की मांग की।
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पीआरकेएस के महामंत्री विनोद राय ने बताया कि ये निजी कर्मचारी पूरी तरह से नए और अनट्रेंड हैं, जिन्हें एसी कोचों का कोई अनुभव नहीं है। उन्होंने कहा कि इन कर्मियों के साथ एक रेलवे स्टाफ को भेजा जा रहा है, और अगर कोई भी दिक्कत आती है तो इसकी पूरी जवाबदेही रेलवे कर्मचारी की होगी, जिस पर कार्रवाई भी हो सकती है। महामंत्री ने मांग की कि इन प्राइवेट कर्मचारियों के साथ रेलवे स्टाफ को न भेजा जाए।
दो ट्रेनों से हटाए गए निजी कर्मी
रेलकर्मियों के भारी विरोध को देखते हुए अधिकारियों ने चौरीचौरा एक्सप्रेस से प्राइवेट कर्मियों की ड्यूटी रद्द कर दी और उनकी जगह रेलवे के स्टाफ को भेजा गया। इसके बाद रविवार सुबह भी पूर्वांचल एक्सप्रेस में प्राइवेट एसी मैकेनिकों को भेजा जा रहा था, जिसका रेलकर्मियों ने फिर से विरोध किया। विनोद राय ने चेतावनी दी कि अगर अधिकारियों ने मनमानी करना जारी रखा तो यूनियन एक बड़ा आंदोलन करेगी।