- गोरखपुर पुलिस ने इंटरनेशनल गैंग का पर्दाफाश किया, आठ गिरफ्तार
- जालसाजों ने आठ माह में करीब तीन करोड़ रुपए लंदनवासियों से ठग लिए
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गिरोह के बारे में जानकारी देते एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर और एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई |
सात आरोपी उत्तर प्रदेश से बाहर के
पुलिस अफसरों ने बताया कि नवम्बर 2022 में जालसाजों ने जुबिलेट इंफो प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का कोलकाता में रजिस्ट्रेशन करा कर उसका एक कार्यालय गोरखपुर के बेतियाहाता में काल सेंटर के रूप में खोला. इसके बाद ठगी का खेल शुरू किया. गिरफ्तार ठगों का सरगना अनिक दत्ता सहित सात आरोपी उत्तर प्रदेश से बाहर के हैं. ये आरोपी पश्चिम बंगाल के कोलकाता, बिहार, झारखंड के हैं. इनके साथ गोरखपुर का राजन कुमार भी गिरफ्तार हुआ है. सभी 8वीं तक पढ़े हैं, लेकिन फर्राटेदार अंग्रेजी बोल लेते हैं. गोरखपुर में कॉल सेंटर खोलकर लंदन के बुजुर्गों को ठग रहे थे. कुछ समय पहले इसकी भनक लगने पर पुलिस का साइबर सेल व एसओजी इन पर लगातार नजर बनाए हुए थी.
ऐसे करते थे ठगी
पुलिस का कहना है कि अभियुक्त इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर के अधिकारी बनकर ब्रिटिश नागरिकों को इंटरनेट से कॉल करते थे. वे इंटरनेट की स्पीड जांचने और उसे बढ़ाने के नाम पर उन्हें अपने जाल में फंसाते थे. इसके लिए पहले से तैयार अंग्रेजी स्क्रिप्ट का सहारा लिया जाता था. जैसे ही ब्रिटिश नागरिक नेट की स्पीड बढ़ाने को राजी होते, उन्हें बातचीत के दौरान यह बताया था कि उनके बैंक खाते से कुछ संदिग्ध लेन देन हुई है. यह भय दिखाकर उसे ठीक करने के लिए ब्रिटिश नागरिकों को ब्रिटेन का ही एक डमी बैंक खाता दिया जाता था. इन ब्रिटिश खातों को इस गैंग के जुनेद और अश्वनी हैंडल करते थे. जुनेद और अश्वनी लंदन में ही रहते हैं. बुजुर्गों से इन खातों में पैसा ट्रांसफर कराया जाता था. इससे उन्हें संदेह नहीं होता था. जुनेद और अश्वनी के बताए खातों में ब्रिटिश मुद्रा (पौण्ड) में पैसा आने के बाद उसे बेस्टर्न यूनियन फोरेक्स सेंटर कोलकाता के माध्यम से रुपए में बदल दिया जाता था. यह रकम ठग गिरोह के सरगना अनिक दत्ता को दी जाती थी. उस रकम का कुछ हिस्सा कर्मचारियों में वेतन के रूप में वितरित करने के बाद कम्पनी के तथाकथित निदेशकों में बांटा जाता था.
पुलिस ने इस संबंध में आरोपियों के खिलाफ साइबर थाना गोरखपुर में धारा 34, 37, 420, 120 बी तथा आईटी एक्ट की धारा 66 व 66 डी के तहत अनीक दत्ता निवासी कोलकाता, आकाश गुप्ता निवासी कोलकाता, आशीष पांडे निवासी कोलकाता, कादिर अली निवासी रांची झारखंड, धीरजकुमार निवासी रांची इकरामुल अंसारी निवासी झारखंड राहुल कुमार निवासी पटना बिहार, राहुल कुमार निवासी निवासी गोरखपुर सहित चार अन्य के खिलाफ नामजद मुकदमा पंजीकृत किया है. पुलिस टीम में मधुपनाथ मिश्रा, छविनाथ सिंह, सूरज सिंह, दिवेन्द्र तिवारी, उपेंद्र सिंह, शशिशंकर राय, शशिकांत जायसवाल, राजीव यादव व गरिमा तिवारी शामिल रही.